एक औरत रोटी बनाते बनाते मंत्र जाप कर रही थी, अलग से पूजा का समय कहां निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते-करते ही एकाएक धड़ाम से जोरों की आवाज हुई और साथ में दर्दनाक चीख। ....
आकर्षक लगने वाली सभी वस्तुएं उपयोगी नहीं होतीं। सर्प, बिच्छू, कांतर, कनखजूरे जैसे प्राणी देखने में सुन्दर लगते हैं पर उनके गुणों को देखने पर पता चलता है कि वे समीप आने वाले को कितना त्रास देते हैं? ....
आप के शरीर के अंदर जो खाना जा रहा है, उसके गुणों की बात करें तो आप के शरीर के लिए निश्चित रूप से मांसाहारी भोजन की अपेक्षा शाकाहारी भोजन बेहतर है। ....
परमार्थ परायण जीवन जीना है, तो उसके नाम पर कुछ भी करने लगना उचित नहीं। परमार्थ के नाम पर अपनी शक्ति ऐसे कार्यों में लगानी चाहिए जिनमें उसकी सर्वाधिक सार्थकता हो। ....
एक जन्म में ज्ञान की यात्रा पूरी हो गई हो तो व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह चाहे तो एक जन्म और ले सके और चाहे तो न ले। बिल्कुल स्वतंत्रता की स्थिति है। ....
भारतीय अध्यात्म विद्या के जानकारों ने चार प्रकार के योग माने हैं-मंत्रयोग, हठयोग, लययोग, राजयोग। मंत्रयोग में किसी मंत्र के सहारे चित्त को एकाग्र किया जाता है। ....