Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में इन 5 जीवों को कराएंगे भोजन, तो पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति

Last Updated 28 Sep 2023 12:17:11 PM IST

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में इन 5 जीवों को कराएंगे भोजन, तो पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति, हिंदू धर्म के सभी लोगों के लिए इस पक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध करना अनिवार्य माना गया है।


Pitru Paksha 2023

Pitru Paksha 2023 Tarpan Vidhi: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का बेहद महत्व है। श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह 16 दिन की अवधि का समय होता है, जिसमें मृतक परिजनों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध क्रिया कराई जाती है। हिंदू धर्म के सभी लोगों के लिए इस पक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध करना अनिवार्य माना गया है।

हिंदू पुराणों की मानें तो पितृ पक्ष के समय मृत्युलोक से हमारे मृत पूर्वज धरती पर आते हैं। उनकी सेवा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्राद्ध की क्रिया धार्मिक नियमों के अनुसार की जाती है। श्राद्ध में हमारे पितृ धरती पर कुछ विशेष जीवों के माध्यम से हमसे मिलते हैं। इन्हीं जीवों के जरिए पितर भोजन भी ग्रहण करते हैं। पितरों को भोजन अर्पित करने के लिए उसके पांच अंश निकाले जाते हैं। यह पांच अंश इस प्रकार हैं - गाय, कुत्ता, चीटी, कौवा, ब्राह्मण।

श्राद्ध में भोजन और पानी दान करने का महत्व - Pitru Paksha 2023
पितृ पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध क्रिया की जाती है। इस श्राद्ध क्रिया में मुख्य रूप से भोजन व पानी का दान करना आवश्यक माना जाता है। जब आप पितरों की तृप्ति के लिए भोजन व पानी का दान करते हैं तो निश्चित रूप से आपके पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

पितरों को भोजन आदि कराने के लिए पांच भाग किए जाते हैं, जिनके पीछे का कारण कुछ इस प्रकार है...
कौवे
पृथ्वी पर कौवे के अवतार में पूर्वज आते हैं और उन्हें खाना खिलाना हमारे पूर्वजों को खिलाने के समान ही होता है। एक और मान्यता यह है कि कौवे 'पितृ लोक' के संदेशवाहक होते हैं और पांच तत्वों में से एक तत्व यानि 'वायु' से जुड़े होते हैं।

चींटिया - Pitru Paksha 2023
श्राद्ध पूजा में चींटियों को भी भोजन कराया जाता है।  चींटी को 'अग्नि' तत्व माना जाता है और चींटियों को मीठा खाना खिलाना एक शुभ कार्य है और इससे हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद आता है

कुत्ते
ऐसा माना जाता है कि कुत्ते स्वर्ग और नर्क के दरवाजे की रखवाली करते हैं। कुत्ते को 'जल' का तत्व माना जाता है और श्राद्ध में कुत्ते को खाना खिलाना एक शुभ संकेत है।

गाय
गाय को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है और श्राद्ध के दौरान उन्हें खिलाना भी शुभ माना जाता है। गाय 'पृथ्वी' तत्व से जुड़ी होती है और हिन्दू धार्मिक धारणा के अनुसार, पितृ पक्ष के समय में गायों को भोजन देने से दिवंगत आत्माओं को शांति की प्राप्ति होती है।

ब्राह्मण
ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद ही हमारे पूर्वज अन्न और जल ग्रहण करते हैं, इसलिए यदि आप इस भाग से चूक गए हैं तो  आपका श्राद्ध अधूरा माना जाता है।
पितृ पक्ष में अपने पितरों के लिए श्राद्ध में भोजन निकालते समय उसे पांच अंशों में बांटा जाता है। इसके साथ ही इन पांच अंशों को ग्रहण के लिए पूर्वजों से प्रार्थना की जाती है। श्राद्ध में इन पांच जीवों को भोजन कराने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में इन पांच अंशों को भोजन कराने से आपको पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।

भोजन के 5 अंश निकालने के बाद भी ध्यान रखें इन बातों को - Pitru Paksha 2023
पितरों को भोजन कराते समय जरूरतमंदों को कपड़े और अनाज दान करना भी याद रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह उन्हें प्रसन्न करता है। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष की पूरी अवधि के दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, ताकि हमारे मृत पूर्वजों के श्राप से बचा जा सके, जिसे 'पितृ दोष' भी कहा जाता है। यदि ब्रह्मभोज करते हैं तो भोजन को केवल दोनों हाथों से दें और भोजन में लहसुन या प्याज न डालें। प्रसाद बनाने के लिए शुद्ध वस्तुओं जैसे गाय का दूध, घी और दही का ही प्रयोग करें। ऐसा माना जाता है कि पितरों को चांदी के बर्तनों में प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा पूजा के लिए बाजरा, जौ, सरसों और मटर जैसे अनाज का प्रयोग ही करना चाहिए

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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