Bhadrapad Purnima 2023 Date: 29 सितंबर को रखा जाएगा भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Last Updated 25 Sep 2023 12:20:16 PM IST

भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत बहुत ही खास होता है क्योंकि इस दिन से ही पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है। इस बार 29 सितंबर 2023 को रखा जाएगा भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत।


Bhadrapad Purnima 2023 Date

Bhadrapad Purnima 2023 Kab Hai: हिन्दू धर्म में  पूर्णिमा की तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भक्त  व्रत रखते हैं और  विष्णु भगवान के सत्यनारायण रूप की पूजा - पाठ करते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा बहुत खास है क्योंकि इस दिन से ही पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है और इसलिए इसे श्राद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैसे तो इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है, लेकिन इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि पर माता लक्ष्मी का पूजन करने से घर में धन - धान्य की कमी नहीं रहती और धन के आगमन के रास्ते खुलते हैं। पितरों का तर्पण करने से परिवार में खुशियां आती है। इस साल 29 सितम्बर 2023 को भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा।

भाद्रपद पूर्णिमा 2023 शिभ मुहूर्त (Bhadrapad Purnima shubh Muhurat 2023)
प्रारम्भ - 06:49 पी एम, 28 सितम्बर 2023
समाप्त - 03:26 पी एम, 29 सितम्बर 2023
सत्यनारायण पूजा - सुबह 06.13 - सुबह 10.42
लक्ष्मी पूजा - रात 11.18 - प्रात: 12.36, 30 सितंबर 2023

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व (Bhadrapad Purnima ka Mahatva and significance )
इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करने से व्यक्ति को धन और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है। भाद्रपद पूर्णिमा पर व्रत कर सत्यनारायण जी की कथा पढ़ने मोक्ष की प्राप्ति होती है

भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि ( Bhadrapad Purnima Puja Vidhi in hindi)
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
इस दिन किसी नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर संभव नहीं है तो पवित्र नदियों में स्नान करें।
नहाने के बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान सत्यनारायण की माता लक्ष्मी के साथ प्रतिमा स्थापित करें।
अब  सत्यनारायण भगवान की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं।
व्रत का संकल्प करने के बाद अब सत्यनारायण भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा - अर्चना करें।
अब भगवान सत्यनारायण को प्रसाद का भोग लगाएं, इसमें तुलसी दल को भी शामिल करें।
इसके बाद लक्ष्मी नारायण की आरती करें।
भजन आचरण करते हुए व्रती लोग अपना दिन व्यतीत करें।
शाम को चन्द्रमा को अर्ध्य देकर  भोजन ग्रहण करें।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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