Dashrath krit shani stotra : शनि ग्रह, शनि ढैया, शनि साढ़ेसाती से बचने के लिए करें 'दशरथ कृत शनि स्तोत्र' का पाठ

Last Updated 29 Sep 2023 11:29:35 AM IST

शनि ग्रह, शनि ढैया और शनि साढ़ेसाती से बचने के लिए करें 'दशरथ कृत शनि स्तोत्र' का पाठ। नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:


Dashrath krit shani stotra in hindi

Dashrath krit shani stotra in hindi : नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।। दशरथ कृत शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भक्तों के सभी दुख -दर्द दूर हो सकते हैं। जो लोग शनि के नकारात्मक प्रकोप से परेशान हैं उन्हें प्रतिदिन इसका पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही जो लोग शनि के साढ़ेसाती, शनि ढैया और शनि की महादशा से बहुत पीड़ित हैं उन्हें दशरथ कृत शनि स्तोत्र का रोज़ाना पाठ करना चाहिए। ऐसा माना जाता है नियमित इसका पाठ करने से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन की समस्त परेशानियों को जल्द से जल्द ठीक कर देते हैं। तो चलिए यहां पढ़िए दशरथ कृत शनि स्तोत्र

Dashrath krit shani stotra in hindi - दशरथ कृत शनि स्तोत्र
 दशरथ कृत शनि स्तोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ  वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं  योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च  सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु मे देव  वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद  सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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