सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष की शादी सादगी से बगैर खाना-पीना के होगी
हीरे-जवाहरात व स्वर्ण आभूषणों से शोहरत बटोरने वाली देश की कई चर्चित खर्चीली शादियों के बीच बिहार में 3 दिसम्बर को होने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष की बिना भोज-भात के बेहद सादगीपूर्ण तरीके से होने वाली शादी इन दिनों राजनीतिक गलियारे में सुर्खियां बटोर रही है.
![]() बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो) |
वैदिक रीति रिवाज से होने वाली दहेज रहित इस ई-शादी में गिफ्ट लाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध है.
यदि कोई मित्र, सगा-संबंधी, कार्यकर्ता या सरकारी मुलाजिम वर-वधु को गिफ्ट देना ही चाहता है तो उसे कोई वस्तु नहीं बल्कि 'गिफ्ट' स्वरूप अपना अंग दान करना होगा.
अंगदान के रूप में वह अपना नेत्रदान कर सकते हैं. अंगदान ग्रहण करने वाली संस्था दधिचि देहदान समिति के सदस्य शादी में मौजूद रहेंगे. इस पूरी कवायद का मकसद खर्चीली शदियों को हतोत्साहित करने के अलावा अंगदान को प्रोत्साहित करना है.
विवाह समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व कई प्रदेशों के राज्यपाल समेत 12 राज्यों के मुख्यमंत्री भाग लेंगे. सुशील मोदी के बेटे की यह शादी एक नई परंपरा की शुरुआत मानी जा रही है. इसमें दहेज तो दूर अतिथियों के खान-पान पर भी कुछ खर्च नहीं किया जा रहा है.
अलबत्ता शादी से लौटते वक्त अतिथिगण अपने-अपने हाथों में लड्डू लेकर जाएंगे, वह भी प्रसाद स्वरूप. न कोई डिस्को न कोई आधुनिक गीत होगा और न ही थिरकने के लिए डीजे की व्यवस्था होगी. इतना ही नहीं बिजली की चकाचौंध से अलग दिन में ही शादी के मंडप की व्यवस्था होगी. मंडप भी ऐसा नहीं होगा, जिस पर लाखों खर्च होते हैं. बस, स्टेज पर वर पक्ष व वधु पक्ष के लोग मौजूद रहेंगे. दिन में 3 से 5 बजे के बीच शादी की पूरी रस्म निभाई जाएगी और वर व वधु सात फेरे व सात वचन लेंगे.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस शादी का कोई कार्ड भी नहीं छपवाया है बस ई-कार्ड तैयार किया गया है और इसे व्हाट्सअप व ईमेल के जरिए भेजा गया है.
खासबात यह है कि वैदिक रीति रिवाज से होने वाले इस विवाह के लिए वैदिक मंत्र पुस्तिका का प्रकाशन किया जा रहा है. इस पुस्तिका की प्रतियां सभी अतिथियों को भेंट की जाएगी. पहले शादी राजधानी के राजेन्द्र नगर स्थित शाखा मैदान में होने वाली थी पर अब सुरक्षा कारणों से शादी का स्थान बदलकर वेटनरी ग्राउंड कर दिया गया है.
इस विवाह के बारे में सुशील मोदी का कहना है कि वह एक नई परिपाटी की शुरुआत करने जा रहे हैं.
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