Ganesh Visarjan 2025: ढोल-ताशों और गुलाल के साथ बप्पा को दी गई विदाई, सड़कों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
मुंबई में शनिवार को 10 दिवसीय गणपति उत्सव के अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर बारिश के बावजूद लोग भगवान गणेश की मूर्तियों के विसर्जन के लिए ढोल-ताशे बजाते और गुलाल उड़ाते हुए सड़कों पर उमड़ पड़े।
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मूर्तियां शहर के समुद्र तटों और अन्य जल निकायों की ओर ले जाते समय बड़ी संख्या में लोग भव्य समापन समारोह के दौरान बप्पा की एक झलक पाने के लिए सड़क के डिवाइडरों, इमारतों की छतों, बालकनियों, पेड़ों और खंभों पर बैठे देखे गए।
इससे पहले दिन में सड़कों पर रंगोली बनाई गई। शहर के कुछ हिस्सों में सुबह से ही हल्की से मध्यम बारिश हो रही थी।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अनुसार सार्वजनिक मंडलों की 11 मूर्तियों समेत 405 गणेश मूर्तियों को दोपहर 12 बजे तक नगर निकाय द्वारा बनाए गए प्राकृतिक जलाशयों और कृत्रिम तालाबों में विसर्जित कर दिया गया।
मध्य मुंबई में प्रतिष्ठित गणपति मंडलों के लिए प्रसिद्ध लालबाग में यात्रा की शुरुआत तेजुकाया, गणेश गली और कई अन्य मंडलों की मूर्तियों के साथ हुई।
लालबाग की सड़कों और अन्य प्रमुख यात्रा मार्गों पर प्रिय देवता को विदाई देने के लिए हजारों लोग संगीत- नृत्य करके, गुलाल उड़ाकर, ढोल-ताशे बजाते हुए उमड़ पड़े।
लालबागचा राजा, चिंचपोक्लिचा चिंतामणि, बाल गणेश मंडल के बल्लालेश्वर, गणेश गली के मुंबईचा राजा, कालाचौकी के महागणपति, रंगारी बडक चॉल गणपति और तेजुकाया गणपति समेत लालबाग के प्रसिद्ध गणपतियों के जुलूस दोपहर एक बजे तक मुख्य सड़क पर पहुंच गए थे।
लालबाग स्थित श्रॉफ बिल्डिंग में भीड़ जमा हुई, जहां पारंपरिक तरीके से पुष्पवर्षा की गई।
सेवा सदन मंडल ने अपने जुलूस के लिए "अभिजात मराठी" की एक प्रतिमा का इस्तेमाल किया, क्योंकि इस वर्ष मराठी को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया है।
श्रॉफ बिल्डिंग में सबसे पहले रंगारी बड़क चॉल के जुलूस पर, उसके बाद कॉटन ग्रीन चा राजा गणेश की मूर्ति पर फूल बरसाए गए।
लालबाग, परेल, कालाचौकी और मध्य मुंबई के अन्य इलाकों से प्रमुख जुलूस दोपहर 1:30 बजे के बाद समुद्र तटों की ओर बढ़ने लगे।
पुणे में अनंत चतुर्दशी की शुरुआत गणेश मंडल की पहली 'मनाचा' (प्रतिष्ठित और पूजनीय) मूर्ति के विसर्जन के साथ हुई।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सुबह 'ढोल ताशे' की ध्वनि के बीच शुरू हुई कस्बा गणपति यात्रा में भाग लिया।
पुणे पुलिस ने मंडलों से आग्रह किया था कि वे अपनी यात्रा जल्दी शुरू करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पूरी प्रक्रिया समय पर समाप्त हो और यह अगले दिन तक जारी न रहें।
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