देश में लोगों ने पूर्ण चंद्रग्रहण का किया दीदार, 82 मिनट तक ब्लड मून रहा
भारत समेत दुनिया के कई देशों ने रविवार की रात खुली आंखों से अंतरिक्ष में अद्भुत खगोलीय घटना पूर्ण चंद्रग्रहण को देखा। यह रात 9:57 बजे पर शुरू हुआ और करीब 3 घंटे 27 मिनट तक रहा।
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पूरे देश में लोगों की निगाहें रविवार को दुर्लभ पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए आसमान की ओर टिकी रहीं। रात 9.57बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को ढंकना शुरू कर दिया था जो 1.28 मिनट तक रहा। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में मानसूनी बारिश के बीच चंद्रमा बादलों से घिरे आसमान में लुका–छिपी खेलता नजर आया॥।
रात 11.01 बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लिया‚ जिससे चंद्रमा का रंग तांबे जैसा लाल हो गया और पूर्ण चंद्रग्रहण का दुर्लभ नजारा देखने को मिला।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के विज्ञान‚ संचार‚ जन संपर्क एवं शिक्षा (स्कोप) अनुभाग के प्रमुख नीरुज मोहन रामानुजम ने कहा‚ चंद्रमा पर पूर्ण ग्रहण रात्रि 11.01 बजे से रात्रि 12.23 बजे के बीच 82 मिनट तक रहा।
जवाहरलाल नेहरू तारामंड़ल के पूर्व निदेशक बी.एस. शैलजा ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल दिखाई देता है‚ क्योंकि उस तक पहुंचने वाला सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंड़ल से परावर्तित होकर फैल जाता है।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान ने बेंगलुरु‚ लद्दाख और तमिलनाड़ु में स्थित अपने परिसरों में लगीं दूरबीनों को चंद्रमा की ओर मोड़़ दिया तथा पूर्ण चंद्रग्रहण की प्रक्रिया को सोशल मीडि़या प्लेटफॉर्म पर सीधे प्रसारित किया।
पूर्ण चंद्रग्रहण पूरे एशिया‚ यूरोप‚ अफ्रीका और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया।
रविवार का ग्रहण 2022 के बाद से भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण था। यह 27 जुलाई‚ 2018 के बाद से देश के सभी हिस्सों से देखा जाने वाला पहला चंद्रग्रहण था। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण देश में 31 दिसंबर 2028 को दिखाई देगा।
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