राष्ट्रध्वज के बयान पर भाजपा व कांग्रेस ने महबूबा को घेरा
अनुच्छेद 370 व 35ए को खत्म किए जाने के मौके पर बीते साल पांच अगस्त को उठाए कड़े कदमों के कारण भले ही घाटी के अलगाववादियों की बोलती बंद हो गई हो लेकिन अब करीब 14 माह की हिरासत से रिहा होने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती राष्ट्र ध्वज को लेकर जो भाषा बोल रही हैं, उससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
राष्ट्रध्वज के बयान पर भाजपा व कांग्रेस ने महबूबा को घेरा |
घाटी सूत्रों का कहना है कि कश्मीरी दलों, गुटों व नेताओं का नए गठजोड़ पीपुल्स एलायंस में भी आने वाले दिनों में अहम और अपनी-अपनी राजनीति को लेकर बिखराव हो सकता है। हालांकि इस बीच शनिवार को पीपुल्स एलायंस की एक अहम बैठक श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर हुई जिसमें नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख एवं सांसद डॉ. फारुक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन, माकपा के वरिष्ठ नेता एमवाई तारेगामी समेत अन्य कई नेताओं ने भाग लिया।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गत दिवस अपने आवास पर बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में अनुच्छेद 370 व 35ए की बहाली तक लड़ाई लड़ने के अलावा यह भी कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर का झंडा वापस नहीं मिलेगा, घाटी में दूसरा यानी राष्ट्र ध्वज नहीं उठाएंगी, बल्कि मुफ्ती ने यह भी कहा कि अब कश्मीर मसले के हल के लिए भी निर्णायक बात होगी। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस बयान को लेकर अभी तक पीपुल्स एलायंस में किसी भी नेता ने न तो उसका समर्थन और न ही उसका खंडन किया है, बल्कि घाटी आधारित नवगठित जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी जिसके प्रमुख अल्ताफ बुखारी हैं, उन्होंने भी अभी तक चुप्पी साध रखी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने महबूबा मुफ्ती के राष्ट्र ध्वज को लेकर दिए गए बयान पर उनकी कड़ी निंदा करते हुए ऐसे बयानों से बाज आने को कहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री कविन्द्र गुप्ता ने कहा कि महबूबा के बयान से साफ जाहिर होता है कि वह अलगाववाद व पाकिस्तान की बोली बोल रही हैं।
पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भी कहा है कि महबूबा जैसे लोग अलगाववादी नेताओं से भी ज्यादा खतरनाक हैं। कांग्रेस नेता रविन्द्र शर्मा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती उकसाने वाली बयानबाजी बंद करें। चूंकि राष्ट्र ध्वज के सम्मान के खिलाफ कोई बात स्वीकार नहीं है। चूंकि राष्ट्र ध्वज से हर देशवासी की भावनाएं जुड़ी हैं।
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