वर्चुअल प्रचार के खिलाफ ईसी भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 25 Oct 2020 03:35:45 AM IST

भाजपा उम्मीदवार के याचिका दायर करने के अगले ही दिन निर्वाचन आयोग ने भी वर्चुअल चुनाव प्रचार के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी।




निर्वाचन आयोग

निर्वाचन आयोग का कहना है कि चुनाव कराना उसका संवैधानिक दायित्व है। हाई कोर्ट ने उसके कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप किया।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने 20 अक्टूबर को दिए निर्णय में कोविड-19 महामारी के कारण वर्चुअल चुनाव प्रचार का आदेश दिया था। निर्वाचन आयोग ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। वर्चुअल चुनाव प्रचार के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को भाजपा के नेता प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। तोमर ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र से हो रहे उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के विपरीत है। निर्वाचन आयोग ने कोविड-19 महामारी के दौरान हो रहे चुनाव के मानक तय किए हैं और शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करते हुए चुनाव सभा आयोजित करने की अनुमति दी है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 20 अक्टूबर को चुनाव सभा में लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी थी। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था। जनहित याचिका में कहा गया था कि चुनाव सभा में भारी भीड़ के कारण कोविड-19 महामारी बढ़ रही है। राज्य सरकार चुनाव सभा में भीड़ जुटाने वाले राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हाई कोर्ट ने राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि भौतिक चुनाव प्रचार की अनुमति उसी स्थिति में दें, जहां वर्चुअल प्रचार संभव न हो।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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