उत्तर प्रदेश : नंबर एक अर्थव्यवस्था के रनवे पर

Last Updated 30 Mar 2022 02:26:08 AM IST

उत्तर प्रदेश ने आर्थिक सुधारों के मामले में देश में पिछले चार-पांच वर्षो में बड़ी लकीर खींची है।


उत्तर प्रदेश : नंबर एक अर्थव्यवस्था के रनवे पर

इन्हीं सुधारों के दम पर उत्तर प्रदेश ने अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। एक ट्रिलियन डालर का मतलब करीब 70 लाख करोड़ रु पये है, जबकि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था अभी 19.70 लाख करोड़ है। ऐसे में अगले पांच वर्षो में चार गुना अधिक एक ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य आसान तो नहीं, लेकिन असंभव भी नहीं है। इस कठिन लक्ष्य को सधे कदमों और दृढ़ इच्छा शक्ति से पूरा किया जा सकता है। इससे प्रदेश की गरीबी भी दूर होगी और लोगों को रोजगार के अवसर भी ज्यादा मिलेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले पांच साल के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें, तो उन्होंने कई असंभव को संभव करके दिखाया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 14वें से दूसरे नंबर पर पहुंचना इस बात को दर्शाता है कि देश में कारोबारी माहौल में प्रमुख तीन राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। वैश्विक महामारी कोरोना में जब दुनिया भर में लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप थीं, मंदी की आशंका जताई जा रही थी।

उस समय उत्तर प्रदेश ने ‘जीवन भी और जीविका भी’ को मूल मंत्र मानकर कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए न सिर्फ  उद्योग धंधों का संचालन किया, बल्कि मांग और आपूर्ति में भी सामंजस्य बनाए रखा। इस दौरान प्रदेश सरकार को 66 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर श्रेष्ठ व्यावसायिक वातावरण, आधारभूत सुविधाओं और बेहतर कनेक्टिविटी ने उत्तर प्रदेश में निवेश को तेजी से आकर्षित किया है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) जो 2016-17 में 12.47 लाख करोड़ यानी देश में छठे स्थान पर था, वह 2021-22 में 19.70 लाख करोड़ यानी देश में दूसरे स्थान पर पहुंचा है।

पिछले पांच साल में सरकार का सालाना बजट करीब दुगुना बढ़कर छह लाख करोड़ हो गया है। कोरोना के बावजूद सरकार को राजस्व प्राप्तियों में भी पिछली सरकार की अपेक्षा दुगुनी प्रगति मिली है। साथ ही बेरोजगारी दर सीएमआईई के अनुसार वर्ष 2016-17 के 17.5 प्रतिशत के मुकाबले जनवरी 2022 में तीन प्रतिशत रह गई है और प्रति व्यक्ति आय 2016 के मुकाबले 46,000 रुपये से बढ़कर दुगुनी से अधिक हो गई है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन यूएएस डॉलर बनाने के लिए कृषि, पशुधन और मत्स्य पालन, खेती आधारित उत्पाद, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), खनिज और भारी उद्योग, सेवा क्षेत्र, पर्यटन, एमएसएमई ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी), बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है। सरकार की ओर मत्स्य पालन और खेती आधारित उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसमें एफपीओ कारगर भूमिका निभा रहे हैं। सरकार के इंवेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश का एमएसएमई देश में पहले पायदान पर है और पिछले कुछ वर्षो में बड़े पैमाने पर नई इकाईयां लगी हैं। यूपी सरकार की मदद से 80 लाख एमएसएमई इकाईयों को दो लाख 20 हजार करोड़ रु पये से ज्यादा का लोन उपलब्ध कराया गया है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से तीन करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा निवेश इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग, रिन्यूअल एनर्जी, टेलीकॉम, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, आईटी सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग में आया है।

इस दिशा में उत्तर प्रदेश में 2018 में हुआ इंवेस्टर्स समिट काफी लाभकारी साबित हुआ है। यूपी सरकार की ओर से एमएसएमई को उपलब्ध कराई सहायता और सुविधाओं का असर हुआ कि निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में 31 फीसद की वृद्धि हुई है। आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश उपभोक्ता राज्य के रूप में विख्यात है, लेकिन अब यही उत्तर प्रदेश निर्यातक राज्य बनने की ओर अग्रसर है। निर्यात के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है, जबकि लैंड लॉक स्टेट (मैदानी राज्य) में यूपी नंबर एक पर है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी तक उत्तर प्रदेश से 1,25,903.76 करोड़ रु पये मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया गया है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ आधारभूत संरचना वाला प्रदेश बन रहा है।

उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे सहित आठ एक्सप्रेस वे बन रहे हैं। एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारे बनाए जा रहे हैं। यह कार्य ऐसे हैं, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सजगता और प्रतिबद्धता इस लक्ष्य की पूर्ति में बड़ी भूमिका निभा रही है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का जो लक्ष्य उत्तर प्रदेश ने साधा है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यूपी देश में नंबर एक अर्थव्यवस्था के रनवे पर आ गया है। सही मायने में नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की अवधारणा तभी साकार होगी, जब उत्तर प्रदेश अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा। बीमारू राज्य कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश पिछले पांच सालों में करीब 50 से ज्यादा मामलों में नंबर एक पायदान पर पहुंचा है। यह साबित करता है कि उत्तर प्रदेश ने जो उड़ान भरी है, अब वह रु कने वाली नहीं है।

शशिकान्त जायसवाल


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