अंतत: परिणाम मायने रखता है, छोटे मुद्दों पर ध्यान देने से बड़े मुद्दों से भटक जाते हैं: राजनाथ सिंह

Last Updated 28 Jul 2025 05:50:42 PM IST

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाने वाले विपक्ष के नेताओं को निशाने पर लेते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि इस अभियान में भारत के कितने विमान गिरे, यह पूछने के बजाय यह पूछना चाहिए कि देश की सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान गिराये और सुझाव दिया कि अभियान की सफलता पर बात की जानी चाहिए।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘विपक्ष के लोग पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे। मुझे लगता है कि उनका यह प्रश्न हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक बार भी हमसे यह नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? यदि उन्हें प्रश्न पूछना ही है तो यह पूछना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, तो उसका उत्तर है ‘हां’।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा तो उसका उत्तर है ‘हां’। आपको प्रश्न पूछना है तो यह प्रश्न पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों, हमारी बेटियों का सिंदूर मिटाया, क्या हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटाया तो इसका उत्तर है ‘हां’।’’

सिंह ने कहा, ‘‘आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या जांबाज सैनिकों को कोई क्षति हुई है तो उत्तर है ‘नहीं’। हमारे सैनिकों की कोई क्षति नहीं हुई।’’

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या अधिक भी हो सकती है।

सिंह ने कहा कि जब लक्ष्य बड़े हों तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दों पर हमारा ध्यान नहीं जाना चाहिए, क्योंकि छोटे मुद्दों पर ही ध्यान देते रहने से देश की सुरक्षा और सैनिकों के सम्मान और उत्साह जैसे बड़े मुद्दों से ध्यान हट सकता है जैसा कि विपक्ष के कुछ साथियों के साथ हो रहा है।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है। किसी परीक्षा में कोई बच्चा अच्छे अंक लेकर आ रहा है तो हमारे लिए उसके अंक मायने रखने चाहिए। इस बात का ध्यान नहीं रखना चाहिए कि परीक्षा में उसकी पेंसिल टूट गई थी या उसका पेन खो गया। अंतत: परिणाम मायने रखता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण रूप से पाने में भारत को सफलता मिली।’’

सिंह ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘तब हमने यह नहीं पूछा था कि कितने विमान गिरे, कितने उपकरणों को नुकसान पहुंचा।’’

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद तीनों सेनाओं को पूरी तरह खुली छूट दी कि वे अपने लक्ष्य चुनें और सशस्त्र बलों ने उसी अनुसार कार्रवाई की।

सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को बाहरी दबाव में रोकने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि मिशन से पहले जो उद्देश्य तय किए गए थे, उन्हें पूरी तरह हासिल कर लिया गया। किसी दबाव में ऑपरेशन सिंदूर रोकने का आरोप बेबुनियाद है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘मैं सदन को यह भी बताना चाहूंग कि किसी क्षेत्र पर कब्जा करना इस ऑपरेशन का मकसद नहीं था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा वर्षों से पाले गए आतंकवाद की नर्सरी का अंत करना था। उन लोगों को न्याय दिलाना था जिन्होंने पाक प्रायोजित पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘10 मई की सुबह जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरफील्ड पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की।’’

सिंह ने कहा, ‘‘...लेकिन यह पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकार की गई कि यह अभियान सिर्फ रोका जा रहा है, और अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ तो अभियान फिर प्रारंभ होगा।’’

गौरतलब है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल यह सवाल उठाते रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष में भारत के कितने विमान गिराए गए?

सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने भी यह सवाल उठाया।

भाषा
नई दिल्ली


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