राजनीति : महाविकास की महाशपथ

Last Updated 29 Mar 2022 02:27:37 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में 2014 से 2022 तक भाजपा ने दो बार संसदीय और दो बार विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत वाली जीत का चौका लगा दिया है।


राजनीति : महाविकास की महाशपथ

इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में सत्ता से जुड़े कई मिथक भी ध्वस्त हो गए हैं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा व उनके सानिध्य में शासन कर योगी आदित्यनाथ ने पांच साल तक राष्ट्रवाद, सुशासन, सुरक्षा, विकास और अंत्योदय का कीर्तिमान रचने के बाद विकास के इन्हीं आयामों को शीर्ष पर पहुंचाने की महाशपथ ले ली है।
भारतीय जनता पार्टी के विजन, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक विकसित राज्य होगा, अब तक के प्रदशर्न से ऐसा होना अवश्यंभावी भी है। विकास का नया इतिहास रचने को उत्तर प्रदेश की जनता ने प्रचंड बहुमत की रोशनाई दे दी है और इस रोशनाई से कलम चलाने को तैयार हैं योगी आदित्यनाथ। वैसे भी इतिहास रचना योगी आदित्यनाथ का शौक सरीखा लगता है। 1998 में देश के सबसे कम उम्र के सांसद, लगातार पांच संसदीय चुनावों में विजयश्री का इतिहास। जनसंख्या के दृष्टिकोण से देश के सबसे बड़े राज्य के सबसे सफल मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल पूर्ण करने का इतिहास। और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से केंद्र सरकार की गरीब कल्याणकारी योजनाओं समेत करीब पचास योजनाओं में अपने प्रदेश को शीर्ष स्थान दिलाने का इतिहास। 37 साल पुराने मिथक को तोड़ कर प्रचंड बहुमत से सत्ता वापसी का इतिहास।

अंत्योदय के प्रणके साथ महाविकास की महाशपथ के अभूतपूर्व समारोह का इतिहास। योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए व्यावहारिक मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को अंगीकार कर कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने इसे प्रमाणित भी किया है। लोक कल्याण के उनके अभियान को आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शिक्षा मंत्री धम्रेद्र प्रधान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर समेत केंद्र के सभी मंत्रियों, पार्टी के पदाधिकारियों ने पूरी तन्मयता से योगदान दिया है। योगी के राज में आए सुशासन और प्रदेश की सुनहरी हो रही विकास की तस्वीर को जनता तक पहुंचाने में भी इन नेताओं ने चुनाव के दौरान दिन-रात एक किए रखा। और योगी को उत्तर प्रदेश के लिए ‘उपयोगी’ बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी का तो कहना ही क्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूपी के लिए विकास के विजन को और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रणनीति को उत्तर प्रदेश की धरती पर अमलीजामा पहुंचाने का कार्य अंजाम दिया केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने। उन्होंने यूपी की एक-एक विधान सभा सीट पर भाजपा के लिए मंथन किया और बारीक से बारीक बातों के लिए विशेष रणनीति बनाई। इसका परिणाम यह हुआ कि यूपी में ‘मुंगेरीलाल का हसीन सपना’ पाले सपा को पता भी नहीं चला कि कब अखिलेश के पैरों तले से जमीन खिसक गई।
एक सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता की तरह अमित शाह ने यूपी में भाजपा की जीत की पटकथा लिख उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। पांच साल के अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सुरक्षा, सुशासन, राष्ट्रवाद, विकास व लोक कल्याण के अगणित प्रकल्पों में कीर्तिमान स्थापित करने वाले यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास’ के मंत्र को अपनी कार्यशैली में हर क्षण प्रतिबिम्बित किया है। वास्तव में यह लोक कल्याण का वह मंत्र है, जिसका जाप भाजपा अहर्निश करती है। योगी ने इस मंत्र को उत्तर प्रदेश के हर शहर- हर गांव में, हर गरीब के द्वार तक साकार किया है। गरीबों के कल्याण को लेकर योगी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश को हासिल उपलब्धियों को ऐसे समझा जा सकता है कि यह प्रदेश केंद्र की अमूमन सभी लाभार्थीपरक योजनाओं में पहले स्थान पर है चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो, स्वच्छ भारत मिशन के तहत इज्जत घर योजना हो, गरीब गृहणियों के लिए उज्ज्वला योजना हो, निशुल्क विद्युत कनेक्शन के लिए सौभाग्य योजना हो।
यही नहीं, कोरोना संकट काल से 15 करोड़ परिवारों को केंद्र सरकार के साथ मिलकर मुफ्त डबल राशन देने की बात हो, राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान हो या फिर वंचितों में भी वंचित वनटांगिया, मुसहर और थारू समाज के लोगों को समाज व विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व व प्रबंधन कौशल अतुलनीय है। उनके दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में एक अनूठी पहल दिखी। ऐसा पहली बार हुआ जब समाज के उन लाभार्थियों को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में ससम्मान शामिल होने का अवसर मिला जो इस सरकार की नजर पड़ने से पहले किसी की नजर में नहीं थे। इन लाभार्थियों में समाज के हर जाति वर्ग के लोग थे। लाभार्थी मातृ शक्ति की भी खासी भागीदारी रही।
वास्तव में समाज में लंबे समय तक लाचार, शोषित और पीड़ित रहे लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाकर सुदृढ़ बनाने के साथ उन्हें उनकी पहचान, मान व सम्मान दिलाने को लेकर भी योगी अपने सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ काल से ही प्रयासरत रहे हैं। शपथ ग्रहण में लाभार्थियों को बुलाने की पहल भी उन्हें मान दिलाने का अनिर्वचनीय प्रयास रहा। इसके पहले भी वह ऐसा अनूठा प्रयास करते रहे हैं। मसलन, गत वर्ष नई दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही पहल पर वनटांगिया व थारू समाज के प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री मोदी के सामने विशेष मेहमान बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। योगी सरकार 2.0 के शपथ ग्रहण समारोह में आकषर्ण वह ‘लोक’ ही था, जिसे लोकतंत्र में सिर्फ  वोट देने तक सीमित मान लिया गया था। सरकारों के सत्तासीन होने के जश्न में ऐसा पहली बार हुआ जब अति विशिष्ट की श्रेणी में समाज के अंतिम पायदान वाले चेहरे थे। जब सरकार लोक कल्याण के ध्येय को समर्पित होती है, तभी ऐसे अभिनव पहल की साक्षी देश व दुनिया बनती है।

(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं)

डॉ. संजय मयूख


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