स्किल इंडिया : तेजी से बढ़ते भारत के कदम
पिछले दशक में भारत सरकार द्वारा कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए अत्यन्त सकारात्मक पहलों को शुरू किया गया।
![]() स्किल इंडिया : तेजी से बढ़ते भारत के कदम |
इन पहलों का उद्देश्य एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत द्वारा अपने तकनीकी ज्ञान और कौशल का श्रेष्ठतम उपयोग करना है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत आर्थिक विकास के लिए अपनी कौशल विकास आधारित कुशल जनशक्ति को दक्ष एवं उत्पादक बनाने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है। पिछले साढ़े छह वर्षो में स्किल इंडिया मिशन ने देश की युवाशक्ति को कौशल आधारित प्रशिक्षण देते हुए बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता और उद्योगों से सम्बन्धित कौशल में दक्ष बनाने में बड़ी कामयाबी पाई है। कुशल कार्यबल के विकास में सहायता करते हुए स्किल इंडिया मिशन, भारत को वैीकृत अर्थव्यवस्था में अग्रणी प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है।
भारत सरकार का लक्ष्य है कि स्किल, रीस्किल और अपस्किल के मंत्र से कौशल विकास द्वारा जनशक्ति को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए और लोगों के जीवनस्तर को ऊपर उठाया जाए। जब आत्मनिर्भर भारत के लिए किए गए संकल्पों को प्राप्त करने की दिशा में हम तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं तो इसी क्रम में वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि कौशल कार्यक्रमों और उद्योगों के साथ साझेदारी को एक नये स्वरूप में तैयार किया जाएगा। इस बजट में डिजिटल स्किलिंग, देश-स्टैक, ड्रोन्स, मजबूत उद्योग-कौशल संबंधों जैसे अनेक प्रयासों द्वारा पूरे स्किलिंग इकोसिस्टम को एक नया बल मिलने जा रहा है। इस प्रकार के प्रयासों द्वारा कौशल से संबंधित नीतिगत कार्रवाइयों में एक समग्र दृष्टिकोण के साथ बड़ा सामंजस्य स्थापित किया जा सकेगा, जिससे देश को एक बड़ा जनसांख्यिकीय लाभ प्राप्त होगा। पिछले साढ़े छह वर्षो में हमने देखा है कि भारत के हर क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी प्रमुख घटक रहे हैं। इनके द्वारा बहुत से सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं।
इन्हीं परिवर्तनों के कारण अब भारत सरकार सुदूर हिस्सों सहित पूरे देश में शिक्षा की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण को प्राथमिकता पर रख रही है। प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण द्वारा कौशल को भी एक नए नजरिए से देखने के लिए परिभाषित किया जा रहा है। भारत सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा में डिजिटलीकरण पर जोर देती है। भारत सरकार की रणनीति का उद्देश्य छात्रों के लिए शिक्षा में निरंतरता बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना है कि कौशल आधारित आजीविका के लिए डिजिटल माध्यम का अधिकतम लाभ उठाया जा सके। देश में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एडटेक पर ध्यान ही इस रणनीति का विस्तार है। इस बजट के माध्यम से हम डिजिटल शिक्षकों के द्वारा कौशल के लिए गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री और वर्चुअल लैब बनाने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।
विश्व स्तर के कौशल अवसरों हेतु भारत के डिजिटल विविद्यालय को डिजिटल कार्यक्रमों से लैस करने के लिए साझेदारी की जा सकेगी। इन सभी प्रयासों ने कौशल को आजीवन गतिशील रहने वाली प्रक्रिया बना दिया है। निस्संदेह कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का शिक्षा के क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ा है। स्कूलों और कॉलेजों के सामान्य होने के साथ ही हमें डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से स्मार्ट फोन, टीवी, इंटरनेट और रेडियो द्वारा सभी बोली जाने वाली भाषाओं पर उच्च गुणवत्ता वाली ई-सामग्री विकसित करने पर जोर देने की बहुत बड़ी आवश्यकता थी। इस बजट में की गई घोषणा से डिजिटल शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री के विकास के लिए एक प्रतिस्पर्धी तंत्र स्थापित किया जा सकेगा। नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए ‘डिजिटल ईकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड’ यानी देश-स्टैक ई-पोर्टल, लॉन्च किया जा रहा है। देश-स्टैक ई-पोर्टल का उद्देश्य नागरिकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से स्किल, रीस्किल या अपस्किल करने के लिए सशक्त बनाना है।
यह कौशल विकास, तैनाती और संबंधित सप्लाई चेन और सक्षम सेवाओं के लिए प्रतिरोधहीन आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के बाद यह अत्यंत आवश्यक है कि अर्थव्यवस्था और उद्योग की मांगों के अनुसार नये युग के कौशल विकास को स्कूल स्तर से ही औपचारिक शिक्षा प्रणाली में एकीकृत किया जाए। इस दृष्टिकोण से ‘एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स’ यानी एवीजीसी सेक्टर के उद्योग बहुत अधिक लाभान्वित हो सकते हैं। आज कौशल विकास का क्षेत्र एक बड़े परिवर्तन के लिए तैयार है और बजट 2022 ने भारतीय युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार के उपायों का प्रस्ताव करके इस प्रक्रिया को तेज़ गति दे दी है। कौशल विकास के प्रति महत्त्वपूर्ण बदलाव ने पूरे स्किलिंग इकोसिस्टम को स्किल इंडिया 2.0 की ओर ले जाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। अब देश की जनशक्ति द्वारा भारत को सम्पूर्ण विश्व के कौशल की राजधानी बनाने के साथ ही एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में हम बहुत बड़ा बदलाव देखने जा रहे हैं।
(लेखक कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय में सचिव हैं)
| Tweet![]() |