एलआईसी में एफडीआई

Last Updated 28 Feb 2022 01:29:18 AM IST

केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 20 फीसद तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है।


एलआईसी में एफडीआई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस बाबत प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अभी तक एलआईसी में एफडीआई की अनुमति नहीं थी। हालांकि निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में 74 फीसद तक एफ डीआई आ सकता है। सरकार ने एलआईसी के शेयरों को आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की मंजूरी भी दे दी है। विदेशी निवेशक मेगा आईपीओ में शिरकत करने के इच्छुक हो सकते हैं।

आईपीओ का एक हिस्सा निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। मौजूदा एफडीआई नीति में एलआईसी में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है। एलआई एक सांविधिक निगम है, जिसे एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत गठित किया गया था। चूंकि इस समय एफडीआई नीति के अनुसार सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विदेशी निवेश सीमा 20 फीसद है, इसलिए एलआईसी और ऐसे अन्य कॉरपोरेट निकायों में 20 फीसद तक विदेशी निवेश को मंजूरी देने का फैसला किया गया है।

ऑटोमेटिक रूट के तहत एफडीआई की अनुमति दी गई है ताकि ज्यादा विदेशी पूंजी आकषिर्त किया जा सके। मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में एलआईसी के आईपीओ को मंजूरी दी थी। अलबत्ता, इस निर्गम के लिए बाजार नियामक की मंजूरी का इंतजार है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, एलआईसी के आईपीओ की बाजार में काफी रुचि और चर्चा है, और उम्मीद है कि इसी साल इसे बाजार नियामक की मंजूरी मिल जाएगी।

इस बीच, एलआईसी ने 13 फरवरी को निगम में सरकार की 5 फीसद हिस्सेदारी बेचने को लेकर बाजार नियामक को सूचित किया है। इस हिस्सेदारी की बिक्री से 63,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है। अभी विश्व बाजार में जो अनिश्चित परिदृश्य है, उसे देखते हुए उम्मीद है कि एलआईसी में एफडीआई की अनुमति से ज्यादा से ज्यादा पूंजी आकषिर्त की जा सकेगी। कहना न होगा कि एफडीआई आने से जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ती है। आर्थिक संसाधनों का इस्तेमाल बेहतर होता है। माहौल ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाता है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment