नवाब पर सियासी घमासान
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी के कद्दावर मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की बुधवार रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में कटी।
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उन्हें धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया गया है। नवाब मलिक तीन मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। प्रवर्तन निदेशालय की टीम सुबह ही मलिक को उनके घर से अपने दफ्तर पूछताछ के लिए ले आई थी जहां बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि मलिक ने मुंबई बम धमाकों के दोषियों के परिजनों से संपत्ति की खरीद की थी। इनमें कुर्ला इलाके का एक मकान भी है। आरोप है कि मलिक ने यह संपत्ति दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी से खरीदी थी। आरोप है कि यह संपत्ति औने-पौने दामों में खरीदी गई थी। ईडी ने इस मामले में जांच के तहत कई जगह छापे मारे थे और दाऊद के भाई इकबाल कास्कर को गिरफ्तार किया था।
ईडी को इस दौरान हवाला लेनदेन के कई मामलों का भी पता चला था जिनका संबंध दाऊद, इकबाल मिर्ची, छोटा शकील, जावेद चिकना जैसे गैंगेस्टरों से पाया गया था। नवाब मलिक एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं और मौजूदा महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के और कौशल विकास मंत्री हैं। वो एनसीपी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष भी हैं। कुछ महीनों पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ दुराचार के कई आरोप लगाने की वजह से वह सुर्खियों में आए थे।
मलिक की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है। दरअसल, महाराष्ट्र में जब से महाविकास अघाड़ी सरकार बनी है तभी से केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ राज्य सरकार की तनातनी चल रही है। महाविकास अघाड़ी का कहना है कि उसकी सरकार को अस्थिर करने की तमाम कोशिशें की जाती हैं। मलिक से पहले राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाने वालों को परेशान किया जा रहा है। जब भी कोई मुस्लिम एक्टिविस्ट मौजूद केंद्र सरकार को चुनौती देता है, ये लोग आदतन उसका नाम दाऊद से जोड़ देते हैं। गिरफ्तारी के खिलाफ एनसीपी ने आंदोलन छेड़ दिया है शिवसेना भी उसके साथ खड़ी है।
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