उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए लखीमपुर खीरी जिले में स्थित दुधवा बाघ अभयारण्य में ‘दुधवा महोत्सव’ कराने का निर्णय लिया है।
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एक बयान के मुताबिक, ‘दुधवा महोत्सव’ नवंबर में होगा।
बयान में बताया गया कि यह प्रदेश का पहला आवासीय सांस्कृतिक एवं वन्यजीव महोत्सव है।
तीन दिवसीय महोत्सव न सिर्फ प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और जैविक समृद्धि का उत्सव होगा, बल्कि यह पर्यटकों को जंगल की प्रकृति से जुड़ने और ‘थारू’ संस्कृति को करीब से जानने का मौका भी देगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश को बहुआयामी पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए नवंबर में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा और इसमें 2,000 से अधिक पर्यटक शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि महोत्सव का केंद्र सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक दृश्य, ग्रामीण पर्यटन, थारू जनजाति की विरासत, उनका खानपान, हस्तशिल्प, औषधीय ज्ञान और जीवनशैली होगा तथा इस दौरान पर्यटक कैम्पिंग की सुविधा का लाभ भी उठा सकेंगे।
मेश्राम ने बताया कि इसके अलावा महोत्सव के दौरान पर्यटक वन्यजीव सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे और इस दौरान उन्हें गाइड के साथ दुधवा की जैव विविधता को देखने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं महोत्सव में देश की जानी मानी हस्तियां शास्त्रीय, लोक और वैश्विक कला का प्रदर्शन करेंगी।
अधिकारी ने बताया कि सरकार महोत्सव के माध्यम से मग, टी-शर्ट्स, जैकेट्स और हेलमेट्स जैसी चीजें भी वितरित करेगी, जिन पर वन्यजीव चित्र और प्रेरक बातें लिखी होंगी।
उन्होंने बताया कि यह स्थानीय हस्तशिल्प और कलाकारों को मंच देने के साथ-साथ आय का भी माध्यम होगा।
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