हैदराबाद के बाद अब उन्नाव में हैवानियत, रेप पीड़िता को आरोपियों ने जिंदा जलाया

Last Updated 06 Dec 2019 02:08:37 AM IST

हैदराबाद में एक डॅाक्टर को जिंदा जलाकर मार डालने की घटना के एक हफ्ते बाद ही गुरुवार को अपने मुकदमे की पैरवी के लिए भोर पहर घर से रायबरेली जाने को निकली एक रेप पीड़िता को सुनियोजित तरीके से जेल से बाहर आए आरोपियों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया।


घटनास्थल की जांच करती फोरेंसिक टीम। (फोटो : सहारा न्यूज ब्यूरो)

डाक्टरों के अनुसार वह 90 फीसद जल गई है। देर शाम उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया।

आग में धूं धूं कर जलती युवती को चीख पुकार कर भागते देख लोग बचाव में दौड़े और पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस महिला को स्वास्थ्य केन्द्र व बाद में जिला अस्पताल ले जाया गया। बाद में लखनऊ ले जाने के बाद महिला को देर शाम को एयर लिफ्ट करके दिल्ली उपचार के लिए भेजा है। गैंगरेप में आरोपित दो युवकों समेत पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिलाधिकारी देवेन्द्र पाण्डेय व पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और पीड़िता के घर पहुंचकर अभियुक्तों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए आश्वासन दिया।

एक साल पहले दिसंबर 18में  एक युवती के साथ गैंगरेप हुआ था। कई दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस ने जैसे तैसे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। जिसमें गांव के एक युवक व उसके एक साथी को नामित किया गया था। घटना में नामजद अभियुक्त अभी पांच दिन पहले (30 नवम्बर) को जेल से छूटकर आया था। जिससे पीड़िता व आरोपित दोनों पक्षों के बीच तनाव व टकराव की स्थिति भी थी। पीड़िता द्वारा दिये गए बयान के अनुसार गुरुवार तड़के 4 बजे वह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी।

पुलिस के अनुसार गौरा मोड़ पर गांव के प्रधान पति हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी, शिवम त्रिवेदी और उमेश बाजपेई आदि ने उसे घेर लिया। इसके बाद सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से वार किया। अचानक हमला होने पर जब वह लड़खड़ाई तो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। शरीर में आग लगने के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और बिहार की ओर चीखते हुए भागने लगी। बिहार-मौरावां मार्ग की घटना होने के कारण उसके शोर मचाने पर हमलावर भाग गए और घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर कुछ लोग उसका शोर सुनकर निकले तो उसने उनके मोबाइल से पुलिस को सूचना दी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फोन से सूचना देने के बाद पीड़िता ने फिर बिहार की ओर भागना शुरू कर दिया था। बिहार पहुंचने तक मौके पर पहुंची डायल 112 ने उसे तत्काल सुमेरपुर पीएचसी पहुंचाया जहां हालत गंभीर होने के कारण उसके बयान अंकित कर जिला अस्पताल और जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर लखनऊ  के लिए रेफर कर दिया गया। पीड़िता द्वारा दिये बयान में नामित सभी आरोपियों को थाना पुलिस ने देर किए बिना गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से तीन अपने घरों से और दो को खेत आदि से हिरासत में लिया है।

मौके पर डाग स्काड टीम ने पहुंचकर तथ्य खंगाले ससके अलावा फिंगर प्रिट टीम भी मौके पर पहुंच गयी। दोपहर में ही लखनऊ जोन के आईजी एस के भगत पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और पीड़िता के परिजनों से मिले। परिजनों ने बताया कि आग की लपटों से घिरी पीड़िता ने घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर तक भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इस दौरान रास्ते में पीड़िता ने किसी के मोबाइल से पुलिस को सूचना दी। आईजी ने परिजनों से कहा कि पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है और पूरा उपचार प्राथमिकता से कराया है।

सरकारी खर्चे पर इलाज के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़िता को सरकारी खर्च पर हरसंभव चिकित्सा सुविधा दी जाए ।

महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट

घटना का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

उन्नाव गैंग पीड़िता की हालत नाजुक

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को विमान से लखनऊ के सिविल अस्पताल से बृहस्पतिवार देर रात विशेष विमान से दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी एयरपोर्ट लाया गया। यहां से सफदरजंग अस्पताल के प्लास्टिक एवं बर्न वार्ड के अति संघन कक्ष (आईसीयू) में उसे फूलप्रूफ सेनेटाइज सिक्योरिटी जोन में रखा गया है। प्राथमिक जांच के बाद डाक्टरों ने कहा कि वह 80 से 90 फीसद झुलस गई है। उसकी हालत बेहद गंभीर है।

एयरपोर्ट से सफदरजंग तक ग्रीन कॉरीडोर

पीड़िता को एयरपोर्ट से पालम की टंकी, परेड रोड, धौलाकुंआ, रिंग रोड से होकर उसे सफदरजंग अस्पताल लाया गया। इस दौरान यातायात पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरीडोर बनाया था। इसके लिए 100 यातायातकर्मी के साथ ही दिल्ली पुलिस के 50 जवानों को तैनात किया गया था।
पीड़िता के साथ उसका भाई, लखनऊ सिविल हास्पिटल के पांच डॉक्टरों की टीम व उत्तरप्रदेश प्रशासन के सीओ स्तर के दो अधिकारी भी थे। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि पीड़िता का उपचार प्लास्टिक एवं बर्न यूनिट के वरिष्ठ डॉक्टर सलभ जैन की निगरानी में पांच डाक्टरों की टीम कर रही है।

 

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली/पाटन (उन्नाव) /लखनऊ


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