INDvsPAK: 'हैंडशेक कंट्रोवर्सी' में ICC ने खारिज की पाकिस्तान की मैच रेफरी हटाने की मांग
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने एशिया कप से मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की मांग को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान बोर्ड ने ये भी धमकी दी थी कि अगर ये मांग नहीं मानी गई तो वह टूर्नामेंट से हट जाएगा।
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आईसीसी ने मामले की जांच के बाद पीसीबी को अपने फैसले की जानकारी दे दी है।
पीसीबी ने आईसीसी को लिखे अपने पत्र में साफ तौर पर कहा था कि एशिया कप से मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाया जाए नहीं तो वह अपनी टीम को टूर्नामेंट से हटा लेंगे। पाकिस्तान का अगला मैच कल यूएई के खिलाफ है।
बता दें कि रविवार, 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हुआ था, जिसमें भारत ने 7 विकेट से शानदार जीत दर्ज की।
भारतीय टीम के एशिया कप मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने के फैसले ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने खीझ जाहिर करते हुए मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और उन्हें हटाने की मांग की थी।
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रविवार को सात विकेट से मिली जीत के बाद टीम के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह पहलगाम आतंकवादी हमले से पीडि़त परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने इस हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लेकर भारतीय क्रिकेट टीम को कड़़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़़ा था। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड़ ने समूचे घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) से शिकायत की और आईसीसी के दखल की मांग की थी।
एसीसी के अध्यक्ष पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी हैं जबकि आईसीसी अध्यक्ष भारत के जय शाह है। एशिया कप आईसीसी का नहीं बल्कि एसीसी का टूर्नामेंट है।
नकवी ने एक्स पर लिखा‚ ‘पीसीबी ने क्रिकेट की भावना से जुड़़े एमसीसी के नियम और आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर मैच रैफरी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है। पीसीबी ने मैच रैफरी को एशिया कप से तुरंत हटाने की मांग की है।'
पीसीबी ने पहले कहा था कि पायक्रॉफ्ट ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से टॉस के समय कहा था कि भारतीय कप्तान से हाथ नहीं मिलाए। पाकिस्तानी टीम के मैनेजर नवीद चीमा ने एसीसी के समक्ष शिकायत दर्ज करके आरोप लगाया है कि पायक्रॉफ्ट के कहने पर दोनों कप्तानों ने टीमशीट का आदान प्रदान नहीं किया।
बीसीसीआई ने अभी तक पीसीबी के बयान का जवाब नहीं दिया है लेकिन समझा जाता है कि अगर भारत २८ सितम्बर को फाइनल में पहुंचता है तो खिलाड़़ी नकवी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। नकवी एसीसी प्रमुख होने के नाते विजयी टीम को ट्रॉफी दे सकते हैं। दोनों टीमों ने टॉस और वॉर्मअप के समय भी एक दूसरे से बात नहीं की। दोनों कप्तानों ने टीमशीट मैच रैफरी को सौंपी।
पीसीबी ने इससे पहले बयान में कहा‚ ‘टीम मैनेजर नवीद चीमा ने मैच के बाद हाथ नहीं मिलाने वाले भारतीय खिलाडि़़यों के बर्ताव का कड़़ा विरोध किया है। यह खेल भावना और खेल के विपरीत आचरण है। विरोध के तौर पर हमने अपने कप्तान को मैच के बाद समारोह में नहीं भेजा।'॥ सूर्यकुमार ने जीत के बाद कहा था‚ ‘हमने मिलकर यह फैसला लिया था। हम यहां सिर्फ मैच खेलने आए थे और मुझे लगता है कि हमने माकूल जवाब दिया।'
एक पाकिस्तानी पत्रकार ने जब पूछा कि जीत के बाद विरोधी टीम से हाथ नहीं मिलाने का फैसला क्या राजनीति से प्रेरित था‚ इस पर कप्तान ने कहा‚ ‘मेरा मानना है कि जीवन में कुछ चीजें खेल भावना से ऊपर भी होती है। हम पहलगाम आतंकवादी हमले के पीडि़़तों के साथ हैं और यह जीत अपने सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं।' भारतीय कोच गौतम गंभीर ने भी टूर्नामेंट के प्रसारक से बातचीत में यही कहा था।
समझा जाता है कि बीसीसीआई और टीम प्रबंधन ने अपने रुख को लेकर आपस में बातचीत की थी क्योंकि मैच खेलने के खिलाफ भारत में विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडि़या तक काफी विरोध हो रहा था। मैच खेलने के फैसले का विरोध करते हुए कहा जा रहा था कि पहलगाम आतंकवादी हमले में परिजनों को खोने वाले परिवारों के जज्बात से ऊपर पैसे को रखा जा रहा है। यह भी समझा जा रहा है कि हाथ नहीं मिलाने का फैसला नीतिगत है और अगले रविवार को अगर पाकिस्तान से सुपर 4 चरण में फिर मुकाबला होता है तो इसे दोहराया जाएगा। दोनों टीमें २८ सितम्बर को फाइनल में भी भिड़़ सकती हैं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया‚ ‘देखिए‚ अगर आप नियम पुस्तिका पढेंगे तो पाएंगे कि विरोधी टीम से हाथ मिलाने के बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं है। यह सद्भावनापूर्ण कदम है और एक तरह की परंपरा है‚ न कि कानून‚ जिसका पालन खेल जगत में वैश्विक स्तर पर किया जाता है।' उन्होंने कहा‚ ‘यदि कोई कानून नहीं है तो भारतीय क्रिकेट टीम उस विपक्षी टीम से हाथ मिलाने के लिए बाध्य नहीं है जिसके साथ तनावपूर्ण संबंधों का इतिहास रहा है।'
अगर इतिहास को देखें तो राजनीतिक कारणों से खिलाडि़यों का एक दूसरे से हाथ नहीं मिलाना कोई नयी बात नहीं है। विम्बलडन 2023 में महिला एकल मैच के बाद यूक्रेन की एलिना स्वितोलिना ने बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका से हाथ नहीं मिलाया था। स्वितोलिना ने कहा था कि वह रूस या बेलारूस के किसी खिलाड़़ी से हाथ नहीं मिलाएंगी क्योंकि इन देशों ने उनके देश पर हमला किया है। विम्बलडन अधिकारियों ने स्वितोलिना और अजारेंका पर इस घटना के लिए कोई दंड़ नहीं लगाया।
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