इलाहाबाद विवि के तहखाने में मिली मुगलकालीन बंदूक

Last Updated 20 Sep 2019 05:26:10 AM IST

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के तहखाने से एक मुगलकालीन बंदूक और तोप के दो गोले मिले हैं जिन्हें विभागाध्यक्ष ने कुलपति की अनुमति से इतिहास विभाग के संग्रहालय में रखने की योजना बनाई है।


इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के तहखाने से एक मुगलकालीन बंदूक और तोप के दो गोले मिले।

मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेर तिवारी ने बताया कि हमने एक रक्षा विशेषज्ञ से बंदूक दिखाया था। बनावट के आधार पर उनका अनुमान है कि यह बंदूक मुगलकालीन यानी 15वीं-16वीं सदी की हो सकती है। बंदूक की लंबाई काफी ज्यादा है और यह कंधे पर रख कर चलाया जाता था। तहखाने से तोप के दो गोले भी मिले हैं। विभाग ने इस बंदूक के बारे में जानने के लिए शोध कराने का निर्णय किया है।
गौरतलब है कि मुगलकालीन बंदूकों की लंबाई काफी ज्यादा होती थी। उनका वजन बहुत ज्यादा होता था। तिवारी ने बताया कि विभाग में कार्यरत चपरासी सैयद अली को इस बंदूक के बारे में वर्षों से जानकारी थी और वह इसकी चर्चा भी करते थे। लेकिन कभी किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने कहा, जब पिछले वर्ष फरवरी में मेरे विभागाध्यक्ष बनने के बाद जुलाई-अगस्त महीने में अली ने मुझसे इस बंदूक का जिक्र किया। मैंने उनसे बंदूक लाने को कहा, तो वह तुरंत उसे लेकर हाजिर हो गए। भवन की मरम्मत के दौरान वह उसे तहखाने से निकाल लाये थे और उसे सुरक्षित रखा था। तिवारी ने बताया कि इस बंदूक का वजन लगभग 40 किलोग्राम है, जबकि तोप के गोलों का वजन 20-20 किलोग्राम है। हम इतिहास के विद्यार्थियों को स्वतंत्रता संग्राम में इलाहाबाद के शहीदों के योगदान से अवगत कराने के लिए एक गलियारा बना रहे हैं जहां स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े दस्तावेजों को वृहद रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

भाषा
प्रयागराज


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