खरीदारों का पैसा इधर-उधर किया बिल्डरों ने
नोएडा में फ्लैट खरीदारों से पूरी रकम वसूल कर फ्लैट न देने और प्राधिकरण का बकाया न देने वाले बिल्डरों की मुश्किल बढ़ने वाली है.
खरीदारों का पैसा इधर-उधर किया बिल्डरों ने |
प्राधिकरण द्वारा कराए गए वित्तीय ऑडिट में विभिन्न बिल्डरों की 11 परियोजनाओं में गड़बड़ी की बात सामने आई है. ऑडिट में यह खुलासा हुआ है कि बिल्डरों ने खरीदारों से पैसा लेकर किसी अन्य प्रोजेक्ट में लगाया या डायवर्ट कर दिया. प्राधिकरण ने यह रिपोर्ट रेरा को भेजने के साथ ही गड़बड़ी करने वाले 11 बिल्डर परियोजनाओं को नोटिस जारी किया है.
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 सितम्बर 2017 को डिफाल्टर बिल्डरों की फोरेंसिक ऑडिट कराने के निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देश पर प्राधिकरण ने एक निजी एजेंसी करी एंड ब्राउन को पहले चरण में बिल्डरों की 14 आवासीय परियोजना का ऑडिट करने का काम सौंपा था. इन बिल्डरों की विभिन्न परियोजनाओं में 36 हजार फ्लैट हैं. निजी एजेंसी ने ऑडिट का काम 22 नवम्बर 2017 को शुरू किया था और उसने 10 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी.
प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक 14 आवसीय परियोजनाओं में 11 ऐसी थी जिनमें बिल्डर ने निवेशकों से जितनी धनराशि प्राप्त की उसके मुताबिक परियोजना को पूरा करने में धनराशि को व्यय नहीं किया. इसके अलावा प्राधिकरण के बकाये का भुगतान भी नहीं किया. प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक खरीदारों से प्राप्त रकम और परियोजना में खर्च की गई रकम में भारी अंतर पाया गया है.
प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग विभाग के ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि उक्त सभी 11 बिल्डर परियोजनाओं को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है. इसके अलावा ऑडिट रिपोर्ट को रेरा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष को भी भेजा गया है.
सूत्रों का कहना है कि जिन बिल्डर परियोजनाओं को नोटिस जारी किया गया है उनके खातों में करीब 1500 करोड़ की हेरफेर की गई है. इस वजह से प्राधिकरण को बकाया नहीं मिला और खरीदारों को पूरी रकम अदा करने के बावजूद फ्लैट नहीं मिला. प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक अगले चरण में और भी बिल्डरों का ऑडिट किया जाना हैं. जिनके भी खाते में गड़बड़ी पाई जाएगी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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