जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन में हुई मौतों पर बुधवार को दुख व्यक्त किया और पूछा कि जब आपदा की चेतावनी दी गई थी तो अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने से क्यों नहीं रोका।

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अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है, क्योंकि बचाव दल ने मलबे के नीचे से और शव निकाले हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर एक दिन पहले भूस्खलन हुआ था।
अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें इसके बारे में बाद में बात करनी होगी। जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिल गई थी।’’
उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया, ‘‘ये लोग यात्रा मार्ग पर क्यों थे? उन्हें क्यों नहीं रोका गया? उन्हें सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं ले जाया गया? इस पर बाद में चर्चा की जाएगी। हमें 29 से 30 लोगों की मौत होने का दुख है।’’
कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के बीच में एक स्थान पर भूस्खलन हुआ था।
मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं। मंगलवार सुबह से ही हिमकोटी मार्ग पर यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन अपराह्न 1.30 बजे तक यह पुराने मार्ग से जारी थी, जब अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया था।
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