उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी को बारिश प्रभावित जम्मू के हालात से अवगत कराया

Last Updated 27 Aug 2025 07:38:20 PM IST

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया और जम्मू कश्मीर के लोगों को सहायता देने के उनके आश्वासन के लिए आभार जताया।


मंगलवार को जम्मू प्रांत के बड़े हिस्से में लगातार बारिश से क्षेत्र में भारी तबाही मची, भूस्खलन हुआ, निचले इलाकों में पानी भर गया और कई सड़कें और पुल बह गए।

माता वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर भूस्खलन से 32 लोगों की मौत हो गई, जबकि जम्मू के डोडा जिले में वर्षाजनित अलग-अलग घटनाओं में चार अन्य लोग मारे गए।

अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कुछ देर पहले ही प्रधानमंत्री से बात की। मैंने उन्हें स्थिति से अवगत कराया। मैं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम की तैनाती के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।’’

जम्मू के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सबसे अधिक प्रभावित इलाकों की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने तवी नदी के किनारे स्थित जम्मू के कुछ हिस्सों का दौरा किया, जहां कल भारी नुकसान हुआ था। 

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोगों को निरंतर सहायता प्रदान करने के उनके आश्वासन के लिए मैं आभारी हूं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार को बारिश रुकने से उन्हें थोड़ी राहत मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘कल की तुलना में, आज (बुधवार) बारिश रुकने से हमें थोड़ी राहत मिली है। निचले इलाकों में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। बाढ़ से हुआ नुकसान आपके सामने है। यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया है।’’

अब्दुल्ला ने 2014 की बाढ़ के दौरान जम्मू शहर में तवी नदी पर बने चौथे पुल को हुए नुकसान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मैं डिविजनल कमिश्नर से कह रहा था कि 2014 में भी इसी जगह पर पुल को नुकसान पहुंचा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरफ एक खतरा है जिसे हम ठीक से समझ नहीं पाए। 2014 में और आज फिर इस तरफ नुकसान क्यों हुआ, यह पता लगाने के लिए विशेषज्ञ टीम को काम पर लगाना होगा। हमें ऐसे उपाय करने होंगे जिससे यह फिर न हो।’’

नदियों के किनारे रहने वाले लोगों के सामने आने वाले खतरे पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उन्होंने कहा, ‘‘जब भी भारी बारिश होगी, नदी के किनारे बसे घर हमेशा खतरे में रहेंगे। हमें इस बारे में कुछ करना होगा। पहले हम मौजूदा स्थिति से निपटेंगे और बाद में उस पर गौर करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि बारिश थम गई है, नदी का पानी कम हो रहा है और राहत कार्यों में तेजी आ गई है।

भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद अन्य जिलों की स्थिति का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से स्थिति खराब है, खासकर जम्मू, सांबा और कठुआ के निचले इलाकों के अलावा उधमपुर और डोडा व किश्तवाड़ में नदियों के पास के इलाकों में।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ जिलों को, जहां नुकसान की आशंका थी, बचा लिया गया है। राजौरी और पुंछ इलाके ठीक हैं। पहले हमें बारिश से जुड़ी इस समस्या से बाहर निकलना चाहिए; फिर घरों को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। उसके बाद एक पैकेज तैयार किया जाएगा।’’

बाढ़ के रास्तों पर लोगों द्वारा घर बनाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, "हमें उपाय करने होंगे, खासकर बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में रहने वालों के लिए। उन्हें कहीं और बसाना होगा। जब भी बाढ़ आती है, उनके घर बार-बार क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।’’

भाषा
जम्मू


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