देश का माहौल खराब कर रहा पर्सनल लॉ बोर्ड

Last Updated 12 Feb 2018 04:26:20 AM IST

शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने अयोध्या मामले में मौलाना सलमान नदवी के बयान पर की गयी कार्रवाई पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को आड़े हाथों लिया है.


शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी (file photo)

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आतंकवादी संगठनों की एक शाखा है, जो उनकी विचारधाराओं पर चलते हुए देश का माहौल खराब कर रहा है. ऐसे में बोर्ड को आतंकवादी संगठन मानते हुए प्रतिबन्धित कर देना चाहिए.

रिजवी ने कहा कि कट्टरपंथी मानसिकता के लोग, जो अपने को तथाकथित मुसलमान कहते हैं, हिन्दुस्तान के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. हिन्दुस्तान के मुसलमानों से सम्बन्धित अहम फैसले पाकिस्तान और सऊदी अरब के आतंकवादी संगठन तय करते हैं.

उन्होंने कहा कि मौलाना सलमान नदवी यूपी शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या मामले पर दिये गए फॉमरूले से लगभग सहमत हैं. उन्होंने वही बात कही है, जो शिया वक्फ बोर्ड ने कही है. अयोध्या में राम मन्दिर बनना चाहिए और मुसलमान अपनी मस्जिद वहां से दूर किसी गैरविवादित जगह पर बनाएं. यही एक मात्र रास्ता है.

उन्होंने कहा कि मौलाना सलमान नदवी ने जब देश में अमन कायम रखने की दिशा में जायज बात की, तो उन्हें बोर्ड से निकाल दिया गया. जाकिर नाईक जैसा आतंकवादी, जिसको हिन्दुस्तान ने भगोड़ा घोषित कर रखा है, सोमवार को तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का सदस्य है. उसे बोर्ड से नहीं निकाला गया.

मौलाना नदवी मुस्लिम लॉ बोर्ड से बर्खास्त
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुलह का फार्मूला देने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बर्खास्त कर दिया है.

मौलाना नदवी ने कुछ दिन पहले आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर के साथ बेंगलुरू में बैठक के बाद अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए फार्मूला दिया था. उनके सुझावों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नाराज था और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया था. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुक्रवार को ही हैदराबाद में अपनी बोर्ड मीटिंग में नदवी के फार्मूले को सिरे से खारिज कर दिया था.

बोर्ड के सदस्य कासिम इलयास ने मौलाना नदवी को निकाले ले जाने की जानकारी देते हुए कहा, ‘समिति ने ऐलान किया कि बोर्ड अपने रुख पर कायम रहेगा कि मस्जिद को न तो गिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है और न शिफ्ट किया जा सकता है.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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