बेटियों को जन्म लेने से रोकने वालों होशियार : योगी ने शुरू की मुखबिर योजना

Last Updated 24 Jun 2017 06:44:44 PM IST

उत्तर प्रदेश में घटते लिंगानुपात पर असरदार ढंग से रोक लगाने के उद्देश्य से योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज "मुखबिर योजना" की शुरूआत की, जिसके तहत बेटियों को जन्म लेने से रोकने वालों पर कडी कार्रवाई की प्रावधान है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

इस योजना के तहत ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध कार्रवाई करके उन्हें कानून के शिकंजे में लाया जाएगा, जो तकनीक का दुरुपयोग भ्रूण का लिंग पता करके बेटियों को जन्म लेने से रोक रहे हैं.

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, घटता हुआ लिंगानुपात आज समाज की एक ज्वलन्त समस्या है. इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा  मुखबिर योजना का शुभारम्भ किया गया है. घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए जनजागरूकता व कानून की आवश्यकता है. 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटियों पर होने वाले भेदभाव को समाप्त करने तथा बेटियों को उनका हक दिलाने के लिए  बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ  योजना संचालित की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग परीक्षण करके बालिका भूण हत्या रोकने का कार्य जन सहयोग के बिना सम्भव नहीं है. इसके लिए राज्य सरकार ने मुखबिर योजना  शुरू की है. लिंग चयन एवं लिंग चयन के पश्चात विशेष लिंग की भूण हत्या के अवैध कार्य में संलिप्त व्यक्तियों, केन्द्रों, संस्थाओं की गोपनीय रूप से जांच की जाए तथा ऐसे व्यक्तियों, केन्द्रों, संस्थाओं को डिक्वाय आपरेशन के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर दण्डित किया जाएगा.
 
योगी ने कहा कि इस योजना के माध्यम से भूण हत्या के सम्बन्ध में जनता से गोपनीय रूप से सूचना प्राप्त की जाएगी. ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के विरद्ध कार्वाई करके उन्हें कानून के शिकंजे में लाया जाएगा, जो तकनीक का दुरपयोग भूण का लिंग पता करके बेटियों को जन्म लेने से रोक रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि  मुखबिर योजना  में आम जनता का सहयोग प्राप्त होने से उन चिकित्सकों में भय पैदा होगा, जो बेटी के जन्म लेने से पहले ही भूण हत्या करते हैं. इस योजना के कार्यान्वयन होने से घटते लिंगानुपात पर प्रभावी रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जनपदों में लिंगानुपात बहुत कम है वहां पर लघु फिल्म, लघु नाटक, गोष्ठियों आदि कार्यक्मों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया जाए.

उन्होंने कहा, राज्य सरकार महिलाओं एवं बालिकाओं को पूरी सुरक्षा देने के साथ-साथ उनके सामाजिक और आथर्कि सशक्तीकरण के लिए कृतसंकल्प है. कोई भी समाज बिना महिलाओं के योगदान के विकास नहीं कर सकता. इसके दृष्टिगत सत्ता में आते ही प्रदेश सरकार द्वारा एण्टी रोमियो स्क्वायड जैसे कई प्रभावी कदम उठाये गये हैं.   



योगी ने कहा कि महिलाओं को सम्मान देने वाला समाज ही प्रगति कर सकता है. महिलाओं को सुरक्षा व भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें स्वावलम्बी बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से गम्भीर है.

मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर  181  महिला हेल्पलाइन के 64 बचाव वाहनों को रवाना किया तथा कन्या भूण हत्या रोकने हेतु  मुखबिर योजना  का शुभारम्भ किया.

उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र तभी समृद्ध हो सकता है, जब समाज में स्त्री और पुरष दोनों की भागीदारी सुनिश्चित हो. राज्य सरकार द्वारा लखनउ में स्थित केन्द्रीकृत काल सेण्टर के माध्यम से महिला हेल्पलाइन  181  का संचालन किया जा रहा है. यह एक टोल-फ्री नम्बर है, जिस पर 24 घण्टे काल की सुविधा उपलब्ध रहेगी. योगी ने कहा कि कोई भी पीड़ित महिला अथवा बालिका इससे सहायता प्राप्त कर सकती है. 181  महिला हेल्पलाइन पर फोन करने वाली पीड़िता को काल रिसीव होते ही तत्काल आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराया जाता है.

योगी ने कहा कि काल करने वाली पीड़ित महिला के सबसे नजदीक उपलब्ध जी.पी.एस. युक्त बचाव वाहन के माध्यम से 181  हेल्पलाइन की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सहायता प्रदान करती है. इस वैन में एक प्रशिक्षित महिला परामर्शदाता के साथ-साथ एक महिला पुलिस आरक्षी भी तैनात रहती है, जो पीड़ित महिलाओं को विषम परिस्थितियों से बचाने व परामर्श देने का कार्य भी करती है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 11 जनपदों में  181  महिला हेल्पलाइन एवं रेस्क्यू वैन का संचालन हो रहा है. आज प्रदेश के शेष 64 जनपदों हेतु बचाव वाहन सेवा का विस्तारीकरण किया गया है. अब इस सेवा से प्रदेश के सभी जनपद आ गये हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेवा का सम्पूर्ण प्रदेश में विस्तारीकरण के दृष्टिगत लखनउ में संचालित केन्द्रीकृत काल सेण्टर की क्षमता छह सीटर से बढ़ाकर 30 सीटर कर दी गयी है, जिसकी सहायता से सम्पूर्ण प्रदेश से आने वाली टेलीफोन काल्स के आधार पर तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी.

इस मौके पर आयोजित कार्यक्म में प्रदेश की महिला कल्याण एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  सिद्धार्थ नाथ सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री मोहसिन रजा, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री बलदेव ओलख, महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह व प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार उपस्थित थे.

 

 

भाषा


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