पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के विरोध में बुधवार दोपहर कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन किया।
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मध्य कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से दोपहर लगभग पौने दो बजे शुरू हुए मार्च में बनर्जी ने हजारों लोगों का नेतृत्व किया और इस दौरान तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
इस मार्च का समापन धर्मतला के ‘डोरीना क्रॉसिंग’ पर होगा।
लगभग तीन किलोमीटर लंबे मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, सड़क किनारे फुटपाथ की तरफ और आसपास की इमारतों के बाहर अवरोधक लगाकर लगभग 1,500 पुलिसकर्मी मोर्चा संभाले हुए हैं।
मार्च के कारण शहर के मध्य हिस्सों में कई मुख्य सड़कों पर मार्ग परिवर्तन किया गया है।
राज्यभर के जिला मुख्यालयों में भी तृणमूल द्वारा इसी तरह के प्रदर्शन आयोजित किए गए।
ये विरोध प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य के निर्धारित दौरे से एक दिन पहले हो रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम समय बचा है और ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ने ऐसे मुद्दों पर अपना विरोध तेज कर दिया है।
उसका आरोप है कि बांग्ला भाषी लोगों को एक सुनियोजित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है और उनके साथ ई भेदभाव किया जा रहा है, गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया जा रहा है और उन्हें ‘‘अवैध प्रवासी’’ करार देने की साजिश की जा रही है।
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