जीएसटी कटौती से घरेलू मांग बढ़ेगी, दीर्घकालिक वृद्धि भी तेज होगीः एफएमसीजी उद्योग

Last Updated 04 Sep 2025 06:02:19 PM IST

उपभोक्ता उत्पादों और रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) पर जीएसटी दरों में कटौती से त्योहारी मौसम से पहले घरेलू खपत को नई तेजी मिलने की उम्मीद है। उद्योग जगत का कहना है कि इस कदम से न सिर्फ तात्कालिक खपत बढ़ेगी बल्कि एफएमसीजी क्षेत्र की दीर्घकालिक वृद्धि को भी बल मिलेगा।


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने बुधवार को उपभोक्ता खाद्य उत्पादों पर कर संरचना को घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया। यह नई व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होगी। एफएमसीजी कंपनियों ने इसे ‘व्यापक बदलाव लाने वाला’ कदम बताया है।

मेरिको के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सौगत गुप्ता ने कहा कि दरों में कटौती से आवश्यक उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती होंगी जिससे त्योहारी मौसम में खपत बढ़ेगी। 

डाबर के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने इसे समय पर उठाया गया परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण और कस्बाई बाजारों में मांग को बल मिलेगा।

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के मुख्य वित्त अधिकारी आसिफ मलबारि ने कहा कि सरकार के इस कदम से खपत को बढ़ावा मिलेगा और कंपनियां जीएसटी में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी।

अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक महासंघ (एआईसीपीडीएफ) ने कहा कि यह केवल तकनीकी कर संशोधन न होकर एक ऐतिहासिक कदम है जो खपत बढ़ाने के साथ व्यापार पर दबाव को भी कम करेगा।

संगठन का अनुमान है कि इससे अगले दो तिमाहियों में ग्रामीण खपत में आठ से लेकर 10 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है और वितरकों एवं खुदरा विक्रेताओं की नकदी स्थिति में 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।

एआईसीपीडीएफ ने कहा, ‘‘जीएसटी दरों में कटौती के इस कदम से एफएमसीजी क्षेत्र की सालाना 10-12 प्रतिशत की वृद्धि दर में अतिरिक्त दो से तीन प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी हो सकती है।’’

जॉय पर्सनल केयर (आरएसएच ग्लोबल) के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन सुनील अग्रवाल ने कहा कि ग्रामीण भारत ने लगातार छह तिमाहियों से एफएमसीजी वृद्धि की अगुवाई की है और यह कदम इन संवेदनशील बाजारों में मांग को और मजबूत करेगा।

ग्रांट थॉर्नटन भारत के साझेदार नवीन मलपानी ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामान अधिक किफायती हो जाएंगे और उनकी कीमतों में आठ से लेकर 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।

एफएमसीजी उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि दर कटौती के बाद कंपनियां या तो उत्पादों के पैक में मात्रा बढ़ाएंगी या फिर उनकी कीमत घटाएंगी ताकि उत्पाद ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक हो सकें।

खुदरा विक्रेताओं को उम्मीद है कि नए जीएसटी ढांचे से त्योहारी बिक्री में जोरदार उछाल आएगा।

भाषा
नई दिल्ली


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