पंजाब और जम्मू के अग्रिम इलाकों में बाढ़ के कारण भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा की 110 किलोमीटर से ज़्यादा बाड़ क्षतिग्रस्त हो गई है और लगभग 90 बीएसएफ चौकियां जलमग्न हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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अंतरराष्ट्रीय सीमा 2,289 किलोमीटर लंबी है, जो देश के पश्चिमी हिस्से में राजस्थान और गुजरात राज्यों से होकर भी गुजरती है। बीएसएफ जम्मू में लगभग 192 किलोमीटर और पंजाब में 553 किलोमीटर की पहरेदारी करता है।
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी लगभग 80 किलोमीटर लंबी बाड़ और जम्मू में लगभग 30 किलोमीटर लंबी बाड़ बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। इन जगहों पर लगी बाड़ या तो डूब गई है, उखड़ गई है या झुक गई है।
बाढ़ से जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की लगभग 20 और पंजाब में 65-67 चौकियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं या जलमग्न हो गई हैं। बीएसएफ की कई अग्रिम रक्षा चौकियां या ऊंचाई पर स्थित निगरानी चौकियां भी प्रभावित हुई हैं।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बीएसएफ ने अब इन दोनों क्षेत्रों में बाड़ और सीमा चौकियों को बहाल करने के लिए एक "बड़ा अभियान" शुरू किया है ताकि जवान फिर से वहां तैनात हो सकें।
उन्होंने बताया कि इन प्रभावित इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के साथ ड्रोन, बड़ी सर्चलाइट से नजर रखी जा रही है और नौकाओं से गश्त की जा रही है। पानी कम हो रहा है और बीएसएफ कर्मी जल्द ही वहां तैनात हो जाएंगे।
कुछ दिन पहले जम्मू में बाढ़ के पानी में बीएसएफ का एक जवान डूब गया। पंजाब 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, जबकि जम्मू में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है जहां तवी नदी में उफान से सैकड़ों घर और कई हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
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