केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया

Last Updated 04 Sep 2025 06:11:06 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को पंजाब के अमृतसर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रभावित किसानों से बातचीत की।


केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया

ट्रैक्टर पर सवार होकर चौहान गुरदासपुर में एक जलमग्न खेत में भी गए और बाढ़ से क्षतिग्रस्त धान की फसल का निरीक्षण किया।

इससे पहले अमृतसर में उन्होंने कहा कि बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब का दौरा कर रहे हैं और वे केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।

चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, प्रदेश भाजपा नेता सुभाष शर्मा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

इससे पहले, यहां आगमन पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।

चौहान अमृतसर हवाई अड्डे पहुंचे और वह पंजाब के कुछ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं।

अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौहान ने कहा कि देश और मानवता की सेवा में पंजाबी हमेशा सबसे आगे रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज पंजाब बाढ़ के कारण मुश्किल दौर से गुज़र रहा है और कई गांव प्रभावित हैं, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेत जलमग्न हो गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र इस मुश्किल घड़ी में पंजाब के लोगों के साथ पूरी तरह खड़ा है।

चौहान ने कहा, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री ने पंजाब भेजा है। हम हालात का जायज़ा लेंगे और लोगों से बात करेंगे।’’

चौहान ने बताया कि बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए बृहस्पतिवार को दो केंद्रीय दल भी पंजाब पहुंच गए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन केंद्रीय दलों में कृषि, ग्रामीण विकास, सड़क, ऊर्जा, वित्त और जल शक्ति सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि ये दल स्थिति का आकलन करेंगे और केंद्र को एक विस्तृत रिपोर्ट देंगे।

चौहान सबसे पहले अमृतसर ज़िले के अजनाला में बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे और किसानों से बातचीत की। पानी में डूबे एक खेत में एक किसान से बातचीत करते हुए चौहान ने स्थिति का जायज़ा लिया। 

बाद में, वह गुरदासपुर ज़िले के धर्मकोट रंधावा गांव पहुंचे। वह पंजाब भाजपा अध्यक्ष जाखड़ द्वारा चलाए जा रहे ट्रैक्टर पर सवार थे।

फिर वह घुटनों से भी ज़्यादा गहरे पानी में डूबे खेतों में घुसकर धान की फ़सल का जायज़ा लेने गए। उन्होंने कहा, ‘‘नुकसान साफ़ दिख रहा है। फ़सल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। खेत पानी में डूब गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि रावी नदी से आई गाद खेतों में जमा हो गई है और इससे अगली फसल के लिए संकट पैदा हो जाएगा।

हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और लोगों के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले राज्यपाल कटारिया ने अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में बाढ़ की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपी।

एक से चार सितंबर तक बाढ़ प्रभावित सभी पांच जिलों का दौरा करने के बाद राज्यपाल ने चौहान को इन क्षेत्रों की जमीनी हकीकत से अवगत कराया और बाढ़ के कारण जान-माल, फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान के बारे में बताया।

उन्होंने पंजाब सरकार, जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की भी जानकारी दी।

चौहान बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने और उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए पंजाब के दौरे पर हैं।

उन्होंने राज्य को शीघ्र राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

बाद में, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने चौहान से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर अजनाला विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए पहले चरण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की।

उन्होंने केंद्र से राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की।

पंजाब इस समय दशकों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान पर बहने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण मौसमी छोटी नदियों में उफान का नतीजा है।

बाढ़ से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.55 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में 1.75 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं।

भाषा
चंडीगढ़


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