‘सत्येंद्र जैन को दिमागी तौर पर कमजोर नहीं कह सकते’

Last Updated 22 Aug 2022 07:53:46 AM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को ‘मानिसक रूप से अक्षम’ घोषित करने और इस आधार पर उन्हें विधायक एवं मंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।


सत्येंद्र जैन

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रrाण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि एक रिट याचिका में कही बातों के आधार पर जैन को ‘मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति’ घोषित नहीं किया जा सकता है और न ही उन्हें मंत्रिमंडल तथा विधानसभा से अयोग्य ठहराया जा सकता है।

पीठ ने कहा कि ‘आप’ विधायक विभिन्न अपराधों के लिए मुकदमे का सामना कर रहे हैं और कानून के अनुसार उचित कदम उठाने की जिम्मेदारी अदालत की है।

अदालत ने 16 अगस्त के अपने आदेश में कहा, यह सच है कि प्रतिवादी नंबर पांच (जैन) आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के साथ ही धन शोधन रोकथाम कानून के तहत विभिन्न अपराधों के लिए मुकदमों का सामना कर रहा है।

बहरहाल, तथ्य यही है कि दंड प्रक्रिया संहिता-1973 अपने आप में एक पूर्ण संहिता है, जो पूछताछ, जांच और मुकदमे के संबंध में एक व्यवस्था उपलब्ध कराती है।

अदालत ने कहा, दंड प्रक्रिया संहिता में सभी आकस्मिकताएं शामिल हैं और कानून के अनुसार उचित कदम उठाने की जिम्मेदारी अभियोजन/अदालत की है।
 याचिका में दावा किया गया था कि जैन ने ईडी के समक्ष ‘खुद घोषित किया है कि उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी है’ और निचले कोर्ट को भी इसकी जानकारी दी गई है।

भाषा
नई दिल्ली


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