Operation Sindoor: सर्वदलीय बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर’ में 100 आतंकी ढेर किए गए

Last Updated 08 May 2025 03:04:16 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए मिसाइल हमलों में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।


सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री ने बैठक में शामिल नेताओं को यह भी बताया कि यह एक जारी अभियान है और अगर भारत के लक्षित हमले के मद्देनजर पाकिस्तान कोई सैन्य कदम उठाता है तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा।

उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने यह सूचित किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं।

बैठक में शामिल सभी दलों के नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार का समर्थन किया और सशस्त्र बलों के प्रति एकजुटता प्रकट की।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह मांग उठाई कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, जिससे अच्छा संदेश जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने करीब 90 मिनट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्ष की ओर से कुछ सवाल थे, लेकिन रक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक जारी अभियान है, इसलिए हर घटनाक्रम पर अलग से ब्रीफिंग नहीं की जा सकती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बैठक एक व्यापक राजनीतिक सहमति बनाने के लिए बुलाई गई थी। सभी नेताओं ने ऐसे समय में परिपक्वता दिखाई है जब देश बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’

उनके अनुसार, नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सभी भारतीयों की सुरक्षा के मुद्दे पर, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताओं को भी साझा किया, लेकिन सरकार को पूरा समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में राष्ट्र एकजुट है।

रीजीजू ने कहा, ‘‘पूरा देश, सरकार और सशस्त्र बलों के साथ एकजुट है।’’

उनके अनुसार, रक्षा मंत्री ने बैठक में कहा, ‘‘हम सिर्फ सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं करते, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एक स्वर में बात की और परिपक्वता दिखाई तथा सरकार और सशस्त्र बलों को पूरा सहयोग देने का वादा किया।

मंत्री ने कहा, ‘‘नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई के लिए सशस्त्र बलों को बधाई भी दी।’’

बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, "हम चाहते थे कि इस बैठक में प्रधानमंत्री आएं और आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर अपनी बात रखें, लेकिन वह नहीं आए। (प्रधानमंत्री) पिछली बैठक में भी नहीं आए थे। यह बहुत दुख की बात है।"

उन्होंने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन के सभी दलों के लोग और दूसरे दलों के लोगों ने एक स्वर में कहा था कि वे हर कदम पर सरकार और सेना के साथ हैं।

खरगे ने कहा कि सभी ने यह मुद्दा उठाया कि सीमा के निकट लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और जम्मू कश्मीर में जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवारों का ख्याल रखा जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान में सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, "हमने पूरा समर्थन दिया है।" उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, जिसका अच्छ संदेश जाएगा।

खरगे का कहना था कि विशेष सत्र की मांग पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया।

गत 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और विपक्षी नेताओं की पिछले एक पखवाड़े में यह दूसरी बैठक थी।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, जे पी नड्डा और निर्मला सीतारमण ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय तथा द्रमुक के टीआर बालू एवं कई अन्य विपक्षी नेता शामिल थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शामिल अन्य विपक्षी नेताओं में समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, बीजद के सस्मित पात्रा और माकपा के जॉन ब्रिटास शामिल रहे।

इनके अलावा जद(यू) नेता संजय झा, केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान तथा एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक का हिस्सा थे।

पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए।

इससे पहले सरकार ने पहलगाम हमले के बारे में सभी दलों के नेताओं को जानकारी देने के लिए 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
 

भाषा
नई दिल्ली


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