संरक्षित सब्जियां क्यों बन सकती हैं जानलेवा, कैसे रहें सुरक्षित

Last Updated 09 Sep 2025 08:20:15 PM IST

दक्षिणी इटली के एक फूड ट्रक से जुड़ी खाद्य जनित बीमारी हाल ही में दो लोगों की मौत और दर्जनों को अस्पताल पहुंचाने का कारण बनी। इसका कारण संरक्षित सब्जियों में मौजूद क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम नामक बैक्टीरिया था, जो बोटुलिज़्म नामक एक घातक बीमारी के लिए जिम्मेदार है।


ब्रोकली के एक विशेष खेप को लेकर ब्रिटेन की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी ने भी हाल ही में चेतावनी जारी की है। आशंका जताई जा रही है कि उसमें भी बोटुलिनम विषाणु हो सकता है।

कैसे बनता है यह ज़हर
कैनिंग प्रक्रिया के दौरान भोजन से हवा निकाल दी जाती है और उसे कसकर बंद कर दिया जाता है, जिससे एक ऑक्सीजन-रहित (एनेरोबिक) वातावरण बन जाता है। आमतौर पर यह प्रक्रिया भोजन को लंबे समय तक सुरक्षित रखती है, लेकिन यह वातावरण क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम के लिए आदर्श स्थितियां भी पैदा कर सकता है।

इस बैक्टीरिया के बीजाणु यानी स्पोर आम तौर पर मिट्टी में पाए जाते हैं और यह उच्च तापमान पर पकाने के बावजूद जीवित रह सकते हैं। खासकर ब्रोकली, हरी फलियां, मक्का, चुकंदर और मटर जैसे कम अम्लीय खाद्य पदार्थों में, यदि कैनिंग प्रक्रिया पर्याप्त गर्म या लंबी नहीं हुई हो, तो ये बीजाणु सक्रिय होकर ज़हर पैदा कर सकते हैं।

यह ज़हर न दिखता है, न बदबू पैदा करता है, न ही स्वाद में फर्क करता है, जिससे ज़हरीला भोजन सामान्य दिखाई देता है, लेकिन घातक साबित हो सकता है।
    
बोटुलिज़्म कितना ख़तरनाक है?
बोटुलिज़्म एक न्यूरोटॉक्सिन के कारण होता है, जो तंत्रिकाओं पर हमला करता है और मांसपेशियों की कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, लकवा और गंभीर मामलों में मृत्यु का कारण बन सकता है।

इसके लक्षण आमतौर पर 18 से 36 घंटे के भीतर दिखाई देते हैं, लेकिन छह घंटे से दस दिन तक का समय भी लग सकता है। शुरुआती लक्षणों में निगलने या बोलने में कठिनाई, पलकें झुकना, धुंधली या दोहरी दृष्टि, उल्टी और मांसपेशियों का धीरे-धीरे लकवाग्रस्त होना शामिल हैं।

यह बीमारी अन्य बीमारियों जैसे स्ट्रोक, गिलेन-बैरे सिंड्रोम, और मायस्थेनिया ग्रेविस से मिलती-जुलती हो सकती है, जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

इलाज में दो मुख्य उपाय होते हैं। (1) सहायक देखभाल जैसे कि वेंटिलेटर की मदद या संक्रमण प्रबंधन और (2) एंटीटॉक्सिन जो विष को बेअसर कर सकता है। हालांकि ये पहले से हुई क्षति को नहीं पलट सकता।

जीवित बचे लोगों को अक्सर लंबी रिकवरी और थकावट, सांस की दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


कैसे बचें इस ज़हर से?
इस जहर से बचाव के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं। कभी भी फूले हुए, टपकते, बदरंग या क्षतिग्रस्त कैन या जार में रखी सामग्री का सेवन न करें। घर में कम-अम्लीय खाद्य पदार्थ बनाते समय उन्हें 10 मिनट तक उबालें। हमेशा सही प्रेशर कैनर और विश्वसनीय कैनिंग निर्देश अपनाएं। खाद्य सामग्री को लेकर कोई संदेह हो तो भोजन को फेंक दें।”

एक ज़हर, जिसके दो पहलू हैं।
बोटुलिनम टॉक्सिन एक खतरनाक ज़हर है, लेकिन यह चिकित्सा के क्षेत्र में वरदान भी है।

वर्ष 1989 में अमेरिका के एफडीए ने इसे चिकित्सकीय उपयोग के लिए मंजूरी दी थी। यह माइग्रेन, मांसपेशियों की ऐंठन, आंखों की समस्याओं और गर्दन के विकारों के इलाज में इस्तेमाल होता है।

कॉस्मेटिक उपयोग में भी यह अत्यधिक लोकप्रिय है। झुर्रियों को हटाने के लिए बोटॉक्स के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन यही ज़हर खराब तरीके से उपयोग किए जाने पर घातक हो सकता है।

अगस्त 2025 में ब्रिटेन में बोटुलिनम टॉक्सिन से जुड़ा एक जानलेवा मामला सामने आया जिसने इस ज़हर के गलत इस्तेमाल को लेकर फिर से चिंता बढ़ा दी।

कुल मिला कर कहा जा सकता है कि बोटुलिज़्म एक दुर्लभ लेकिन अत्यंत जानलेवा बीमारी है। इससे बचाव के तरीके हैं जिनमें सुरक्षित खाद्य प्रसंस्करण, सावधानीपूर्वक कैनिंग और संभावित रूप से संदिग्ध डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से बचाव शामिल है।

यह ज़हर जहां चिकित्सा की दृष्टि से जीवन बचा सकता है, वहीं गलत हाथों में जानलेवा भी हो सकता है।

भाषा
लंदन


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