प्रवासी श्रमिकों का घर पहुंचना हुआ आसान
घर पहुंचने की लंबी लड़ाई लड़ने वाले प्रवासी श्रमिकों की मुश्किल अब आसान होती नजर आ रही है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए कुछ शर्तों में बदलाव कर जटिलताएं दूर की गयी हैं।
मुंबई : मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लिए ट्रेनों के जाने की अफवाह उड़ी तो बांद्रा टर्मिनस पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। बाद में पुलिस ने सबको अपने घरों को लौटाया। फोटो : गौतमसेन/एसएनबी |
अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए पहुंचने वाले (गंतव्य) राज्य सरकार की सहमति की जरूरत नहीं होगी। प्रवासी श्रमिकों को भेजने वाली राज्य सरकार के अनुरोध और मांग पर रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने की अनुमति प्रदान करेगा। इससे श्रमिकों की संख्या के आधार पर बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन हो सकेगा। इससे पैदल और अन्य साधनों से घर पहुंचने की मुश्किल मजदूरों को नहीं उठानी पड़ेगी।
दरअसल अभी तक श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने के लिए प्रवासी श्रमिकों के पहुंचने वाले (गंतव्य) राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होती थी। जिन राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को जाना होता था वहां की सरकार और प्रशासन को प्रवासी श्रमिकों की सूची बनाकर पहुंचने वाले राज्य सरकारों से सहमति लेनी होती थी।
अब हर रोज 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें
रेलवे श्रमिकों को बड़ी राहत देते हुए रोजाना 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करने जा रहा है। रेलवे ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि जो श्रमिक रास्ते में हैं, उन्हें राज्य सरकारें मैन लाइन रेलवे स्टेशन के निकट पंजीकृत करें और इसकी सूची रेलवे को दें, जिससे श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा सके। रेलवे ने श्रमिकों से अपील की है कि वे अपने स्थानों पर धैर्य से रहें। रेलवे एक जून से रोजाना आम लोगों के लिए भी 200 ट्रेनें चलाएगा। इन ट्रेनों की टिकट बुकिंग ऑनलाइन 24 मई से होने की संभावना है।
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