आतंक फंडिंग जांच: एनआईए ने दिल्ली, कश्मीर घाटी में 27 जगह पर छापे मारे, 2.2 करोड़ रुपये जब्त किये
कथित हवाला डीलरों और कुछ कारोबारियों पर शिंकजा कसते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज कश्मीर घाटी और दिल्ली के विभिन्न भागों में 27 जगहों पर छापेमारी की.
![]() NIA की दिल्ली समेत 27 जगह पर छापेमारी |
जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण की जांच के संबंध में छापों में करीब 2.20 करोड़ रुपये नकद जब्त किये.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि सुबह शुरू हुए अभियान के दौरान, अलगाववादी और भारत विरोधी गतिविधियों को बढावा देने के लिए वित्तपोषण के आरोपियों के घरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों पर छापे मारे. उन्होंने कहा, छापेमारी के दौरान, करीब 2.20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई.
प्रवक्ता ने कहा कि छापों के दौरान लैपटाप, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क सहित विभिन्न डिजिटल उपकरण भी जब्त किये गये.
प्रवक्ता ने कहा कि हवाला आपरेटरों-कारोबारियों के संपर्क से जुड़ी डायरियां आदि भी बरामद हुई जम्मू कश्मीर के कुछ बैंक खातों की जानकारियां भी बरामद हुई.
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के यात्रा दस्तावेज, जिसमें यूएई की उनकी यात्रा का पता चलता है, भी बरामद किये गये हैं. कुछ संदिग्धों से उनके पास से हुई बरामदगी के बारे में पूछा जा रहा है.
यह छापेमारी उस समय की गई जब एक दिन पहले एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें एक स्वतंत्र फोटो पत्रकार भी शामिल है जो पथराव करने और सोशल मीडिया के जरिए सुरक्षा बलों के खिलाफ समर्थन जुटाने में कथित तौर पर संलिप्त था.
एनआईए द्वारा की गई गिरफ्तारियां और छापेमारी 30 मई को दर्ज मामले की जांच का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा नेता हाफिज सईद बतौर आरोपी नामजद है.
एनआईए ने कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने के लिए आतंकवाद और विध्वंसकारी गतिविधियों को कथित तौर पर वित्त पोषण देने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
मामले में ऐसी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए हवाला समेत विभिन्न अवैध माध्यमों के जरिए धनराशि जुटाने और एकत्रित करने के मुद्दे भी शामिल हैं.
इसमें पथराव करके, स्कूल जलाकर, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़कर घाटी में शांति भंग करने के मामले भी शामिल हैं.
90 के दशक की शुरुआत में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के पनपने के बाद से यह पहली बार है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों को वित्त पोषण मुहैया कराने के संबंध में छापे मारे है.
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