संभलने लगी है बारिश से लड़खड़ाई मुंबई, बारिश थमने से राहत
बारह बरस बाद कल आसमान से फिर बरसी बेहिसाब आफत से लड़खड़ाई देश की वाणिज्यिक राजधानी आज अपने पैरों पर फिर खड़ी होने लगी है.
![]() संभलने लगी है बारिश से लड़खड़ाई मुंबई (फाइल फोटो) |
कुछ इलाकों में उपनगरीय रेल सेवा आंशिक रूप से बहाल होने से कल सुबह अपने घरों से निकले लोग आज वापस लौटने लगे. मौसम विभाग ने आज भी कुछ स्थानों पर बारिश की भविष्यवाणी की है.
भारतीय मौसम विभाग की सांताकूज स्थित वेधशाला के अनुसार कल 331.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 26 जुलाई 2005 को हुई प्रलयंकारी बारिश के बाद सबसे ज्यादा है. उस समय 944 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जिसमें 500 लोगों की जान चली गई थी और कुदरत की मार ने मायानगरी को हिलाकर रख दिया था.
तेज रफ्तार शहर भले ही सामान्य होता दिख रहा है, लेकिन कल की मूसलाधार बारिश के निशान अभी बाकी हैं. अधिकारियों ने स्कूल और कालेजों को बंद रखने का आदेश दिया और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने लोगों को बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलने की हिदायत दी, जिससे महानगर और उसके आसपास के इलाकों में सार्वजनिक अवकाश जैसी स्थिति रही. हालांकि जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों और सरकार में आवश्यक स्टाफ को अपनी ड्यूटी पर पहुंचने का निर्देश दिया गया.
पश्चिम रेलवे पर उपनगरीय रेल सेवाएं आधी रात के समय बहाल होने से उस तरफ के लोग अपने घरों की तरफ लौटने लगे. इसके बाद मध्य रेलवे पर भी उपनगरीय रेल सेवाओं के फिर से पटरी पर लौट आने से मुश्किल में फंसे कुछ और लोगों ने राहत की सांस ली. हालांकि इस दौरान मुंबई के स्थानीय निकाय की परिवहन प्रणाली बेस्ट ने रेल सेवाओं के बाधित रहने से बेहाल लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए और 100 से अधिक बसें चलाई.
बृह्नमुंबई इलेक्ट्रिसिटी एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण और व्यस्त मागरे पर कल से 109 अतिरिक्त बसें चलाई जा रही हैं.
आम तौर पर बेदर्द और बेपरवाह शहर माने जाने वाले मुंबई के लोगों ने आफत की घड़ी में एक दूसरे की जमकर सहायता की और बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए विभिन्न इलाकों में फंसे लोगों को अपने घरों में आकर रहने की पेशकश की.
इस दौरान आम लोगों के अलावा महाराष्ट्र के संसदीय मामलों के मंत्री गिरीश बापट ने दक्षिण मुंबई में फंसे लोगों से उनके सरकारी आवास में चले आने को कहा. फेसबुक के जरिए की गई अपनी अपील में भाजपा नेता ने कहा कि फोर्ट और मंत्रालय जैसे इलाकों में भारी बारिश के कारण फंसे लोग हालात सुधरने तक उनके मालाबार हिल स्थित आवास में शरण ले सकते हैं.
वैसे मुंबई में बारिश का कोई भरोसा नहीं होता और शहर के लोग घर से निकलते वक्त छाता लेना नहीं भूलते, लेकिन बारिश का अभ्यस्त सपनों का यह शहर कल की झमाझम बारिश से सहम सा गया और हालत यह हो गई कि अधिकांश एयरलाइंस के कर्मचारी और यात्री हवाई अड्डे तक नहीं पहुंच पाए, जिसके कारण आज लगातार दूसरे दिन उड़ानों का परिचालन बाधित रहा. निजी एयरलाइंस जेट एयरवेज ने 19 उड़ानें रद्द कीं और बहुत सी उड़ानों में विलंब हुआ हालांकि एयर इंडिया ने अपनी कोई उड़ान रद्द नहीं की, लेकिन उसकी कुछ उड़ानों में विलंब हुआ.
बारिश की वजह से मुंबई के जगप्रसिद्ध डब्बावाला भी आज अपनी सेवाएं नहीं दे पाए. हर रोज दो लाख से अधिक लोगों को खाने का डब्बा पहुंचाने वाले करीब 5000 डब्बावाला कल जो डब्बे लेकर निकले थे उन्हें लेकर आज सुबह वापस लौट पाए. उपनगरीय रेल सेवा ठप्प होने के कारण अन्य तमाम लोगों के साथ डब्बेवाले भी रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर फंसे रहे. उन्होंने कल से अपनी सेवाएं बहाल करने का भरोसा दिलाया.
इस दौरान कुछ दुखद घटनाएं भी हुई, जिनमें कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. मुंबई में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि दहीसर, कांदिवली, मलाड और दादर इलाके में चार लोग उफनते पानी में बह गए. ठाणे जिले के निकटवर्ती पालघर जिले में तीन साल की एक बच्ची सहित कुल चार लोग अलग अलग घटनाओं में बह गए.
पुलिस ने बताया कि तीन साल की एक बच्ची का शव मिला है, जो अपने परिजन के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर कहीं जा रही थी, लेकिन वाघोबा खिंड में वाहन फिसल गया और बच्ची उफनते पानी में बह गई. पालघर कस्बे में एक युवक उफनते नाले में बह गया. इसी तरह विरार और वसई में दो व्यक्ति पानी में बह गए. इन लोगों के शव अभी नहीं मिले हैं.
ठाणे में 35 वर्ष के एक अज्ञात व्यक्ति का शव जेल तलाव के निकट एक नाले से आज सुबह नौ बजे मिला.
कुछ लोगों के लिए मुंबई की बारिश दोहरी मार का सबब बनी. 54 वर्षीय सुखदेव मेशराम उस ट्रेन में सवार थे, जो महाराष्ट्र के वासिंद और आसनगांव स्टेशनों के बीच मंगलवार सुबह पटरी से उतर गई थी. इस हादसे से बचे सुखदेव ईश्वर का धन्यवाद करते पैदल वासिंद स्टेशन तक पहुंचे और वहां से कल्याण तक का आटो लेने के बाद मध्य रेलवे नेटवर्क पर मुंबई जाने वाली लोकल ट्रेन में सवार हुए, लेकिन उनके लिए अपने घर का रास्ता कुछ ज्यादा ही लंबा हो गया जब उन्हें आठ घंटे तक लोकल ट्रेन में ही बैठे रहना पड़ा. सुखदेव के लिए एक के बाद हुई यह घटनाएं किसी दुस्वस्न से कम नहीं थीं.
बॉम्बे हास्पिटल के प्रसिद्ध गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डा. दीपक अमरापुरकर भारी बारिश में लापता हो गए हैं. डाक्टर कल शाम अपनी कार से घर के लिए निकले थे, लेकिन सड़क पर पानी भरा होने के कारण उन्होंने अपने डाइवर से उन्हें एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर छोड़ देने को कहा और वहां से पैदल अपने घर की ओर चल दिए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी के अनुसार भारी बारिश में अपने घर की तरफ बढ़ रहे डाक्टर अपने घर तक नहीं पहुंचे. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वह एक मैनहोल में गिर गए और पुलिस को उसके नजदीक से डाक्टर का छाता मिला.
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