कश्मीर में शर्तों के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती : केंद्रीय गृह सचिव
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों के साथ बातचीत संभव है लेकिन यह बिना किसी शर्त के ही हो सकती है.
![]() केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि (फाइल फोटो) |
महर्षि का कार्यकाल कल पूरा हो रहा है. उन्होंने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की दोषसिद्धि के बाद कानून व्यवस्था स्थिति से निपटने में कथित नाकामी के लिए हरियाणा सरकार पर दोषारोपण से इंकार कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर किसी स्थिति के बारे में फैसला करना उचित नहीं है क्योंकि कानून व्यवस्था तेजी से बदलने वाली चीज है.
अलगाववादियों के साथ बातचीत की संभावना के बारे में उन्होंने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कई बार स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार कश्मीर में बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, हम बातचीत चाहते हैं.
उन्होंने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा, मैं नहीं समझता कि कोई बातचीत पूर्व-शर्तों के साथ हो सकती है. उनसे सवाल किया गया था कि क्या केंद्र बिना किसी शर्त के जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए इच्छुक है.
गृह सचिव ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान आतंवादियों के वित्तपोषण सहित विभिन्न तरीकों से कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है, पाकिस्तान कश्मीर में घुसपैठ सुनिश्चित कर रहा है और पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को वित्तपोषित कर रहा है.
कश्मीरी युवाओं में कथित अलगाव की भावना के बारे में पूछे जाने पर महर्षि ने कहा कि अलगाव दिल्ली मीडिया की सोच है और कश्मीर के लिए वास्तविक मुद्दा आतंकवाद और कट्टरता है.
उन्होंने कहा, कट्टरता और आतंकवाद मुख्य मुद्दे हैं, जिनसे हम निपट रहे हैं. एक मुख्यमंत्री ने कहा था कि कश्मीर में 95 प्रतिशत लोग शांति चाहते हैं. कश्मीर के युवाओं की भी वही आकांक्षा है जो देश के शेष हिस्से के युवाओं के है, अच्छी शिक्षा, अच्छा रोजगार और एक अच्छा जीवन.
गृह सचिव ने कहा कि कश्मीरी अलगाववादियों के आतंकी वित्तपोषण की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही जांच का वांछित असर हुआ है और यह अलगाववादियों तथा पत्थरबाजों की गतिविधियों में दिख रहा है.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने आतंकी वित्तपोषण की एनआईए जांच का जिक्र करते हुए कहा कि एजेंसी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर रही है और इसे तार्किक परिणति तक ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
डेरा प्रमुख की दोषसिद्धि के बाद हरियाणा में हुई हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था तेजी से बदलने वाली चीज है जहां प्रशासन और पुलिस लोगों से निपटती है तथा वहां मौजूद व्यक्ति ही आकलन कर सकता है कि किस प्रकार स्थिति से निपटना है.
उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी नहीं चाहता कि उसके क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो. इसी प्रकार कोई मुख्यमंत्री अपने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने देना नहीं चाहता.
डोकलाम और लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर महर्षि ने कहा कि गृह मंत्रालय के तहत आने वाली भारत-तिब्बत सीमा पुलिस डोकलाम में तैनात नहीं थी और यह बल सिर्फ लद्दाख में तैनात है. उन्होंने कहा कि लद्दाख में गतिरोध जैसी स्थिति होती रहती है और इसमें कोई असाधारण बात नहीं है.
कथित हिंदू आतंकवाद की गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
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