गुजरात की जंग में सोनिया के राजनीतिक सचिव ने बचायी इज्जत, अमित शाह और ईरानी भी जीते

Last Updated 09 Aug 2017 02:46:08 AM IST

गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में दिनभर की गहमागहमी के बाद कांग्रेस के अहमद पटेल ने 44 वोटों के साथ जीत हासिल की.


कांग्रेस के नेता अहमद पटेल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं स्मृति ईरानी

शाह और ईरानी ने भी उच्च सदन में बनाई जगह

भाजपा के तीन में से मात्र दो ही उम्मीदवार जीत सके. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की भी जीत हुई लेकिन तीसरे भाजपा उम्मीदवार और कांग्रेस छोड कर पार्टी में आये बागी नेता शंकरसिंह वाघेला के रिश्तेदार बलवंतसिंह राजपूत को नजदीकी अंतर से हार का मुंह देखना पडा. श्री शाह और श्रीमती ईरानी को 46-46 तथा श्री राजपूत को मात्र 38 मत मिले. श्री अहमद पटेल को 44 वोट मिले और जीत के लिए कम से कम इतने ही वोटों की जरूरत थी. यह संख्या हालांकि कांग्रेस के दावों से कही कम है.

क्रास वोटिंग को लेकर मचा बवाल, घंटों की मशक्कत के बाद आए नतीजे

इससे पहले पार्टी के दो विधायकों द्वारा की गई क्रास वोटिंग को लेकर सात घंटे तक गांधीनगर से नई दिल्ली तक चले हंगामे के बाद चुनाव आयोग ने रात साढ़े 11 बजे दोनों विधायकों के वोट रद्द कर वोटों की गिनती शुरू करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद भाजपा ने गिनती शुरू करने में अड़ंगा लगा दिया था और रात्रि डेढ़ बजे के बाद वोटो की गिनती शुरू हो सकी और करीब दो बजे नतीजा आया. चुनाव आयोग के फैसले से कांग्रेस ने काउंटिंग पूर्व ही लड़ाई जीत ली. इसके साथ ही कांग्रेसी खेमा अहमद पटेल की जीत के प्रति पूरी तरह से पहले ही आस्त हो गया था. पार्टी को जीत के आंकड़े 43.5 से कहीं ज्यादा वोट मिले. उधर भाजपा चुनाव आयोग के फैसले से आहत है.

उधर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि आयोग का दो मत रद्द करने का निर्णय सही नहीं है. इसे कानूनी चुनौती दी जायेगी. वास्तव में तीसरी सीट पर भाजपा डेढ वोट से जीत सकती थी पर इसके चलते आधा वोट से हार गयी. उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर होगा और कांग्रेस और टूटेगी और पार्टी की नाव डूबेगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जैसे अपने पुा राहुल गांधी के मोह में पार्टी को डुबाया है वैसे ही अहमद पटेल को चुनाव जिताने के चक्कर में गुजरात में पार्टी डूब गयी है. इसमें सीधी दरार पड गयी है. कांग्रेस के उम्मीदवार को उनके 61 समर्थक मतदाताओं में से मात्र 44 मत मिले. भाजपा की बडी उपलब्धि यह है कि कांग्रेस के पूरे प्रयास और पल्रोभन के बावजूद इसके एक भी विधायक ने भी क्रॉस वोटिंग नहीं की.

जीत से उत्साहित कांग्रेस श्री पटेल ने कहा सत्य की जीत हुई है. उन्होंने दावा किया कि इस साल के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की जीत होगी. देर रात कांग्रेस के अहमदाबाद स्थित मुख्यालय पर जश्न का माहौल था और पटाखे फूट रहे थे. इस परिणाम के बाद फिर से राज्य की 11 राज्यसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस का कब्जा है. शेष नौ भाजपा के खाते में हैं.
मतगणना को लेकर गहमागहमी के बीच भाजपा को एक और झटका देते हुए इसके साथ मेल मिलाप का व्यवहार करने वाले बागी पाटीदार विधायक नलिन कोटडिया ने भी देर रात वीडियो जारी कर कहा कि उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया है. चुनाव आयोग ने वाघेला गुट के दो विधायको राघवजी पटेल और भोला गोहिल के मतों को इस आधार पर रद्द कर दिया कि उन्होंने मतदान के बाद इसे भाजपा के उम्मीदवारों को दिखाया. जिसके बाद नियत समय शाम पांच बजे की जगह रात लगभग साढे ज्ञारह बजे मतगणना शुरू करने के निर्देश दिये गये हालांकि यह और देरी से शुरू हुई.

आयोग ने देर रात जारी बयान में कहा था कि इसने वोटिंग संबंधी शिकायत का वीडियो देखा है तथा इससे स्पष्ट है कि दोनो ने वोटिंग के नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए इनके मत रद्द होने चाहिए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि आयोग ने लोकतां में लोगों के विश्वास को बहाल किया है.   उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने आयोग को उक्त वीडियो को सावर्जनिक करने की चुनौती देते हुए इस निर्णय को बडी संस्था की एक गलती बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हार से बचने के लिए पहले से ही की गयी साजिश के तहत यह शिकायत की थी और आयोग पर अपने केंद्रीय नेताओं के जरिये दबाव बनाया.

भाजपा और कांग्रेस दोनो के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने इस चुनाव में उक्त चार ही उम्मीदवार थे और यह राज्य में 1996 के बाद पहला राज्यसभा चुनाव का मतदान था.
उधर कांग्रेस और भाजपा ने दो मतों को रद्द करने के मामले में जबरदस्त आरोप प्रत्यारोप के बीच तीन तीन बार चुनाव आयोग के पास अपने पक्ष और संबंधित दस्तावेज रखे थे. सुबह नौ बजे शुरू हुआ मतदान निर्धारित समय चार बजे से करीब दो घंटे पहले ही सभी 176 विधायकों के वोट डालने के कारण मतदान समय पूर्व संपन्न हो गया था.

नयी दिल्ली में कांग्रेस के एक और प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोग से मिलने वाले पूर्व वित्त मंत्री तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि कि आयोग को 11 जून 2016 को हरियाणा में ऐसे ही मामले की तर्ज पर दोनो मतों को रद्द करना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि आयोग के पास ही इस मामले में निर्णय लेने का अंतिम अधिकार है. रिटर्निंग ऑफिसर के पास नहीं.

यह चुनाव भाजपा की श्रीमती स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) तथा दिलीप पंडया और कांग्रेस के अहमद पटेल (श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव) के कार्यकाल पूरा होने (18 अगस्त तक) के नजदीक पहुंचने के कारण हुए थे. वर्तमान में भाजपा के 122 (एक बागी नलिन कोटडिया समेत), कांग्रेस के 51 (वाघेला और उनके गुट के छह अन्य समेत), राकांपा के दो और जदयू का एक विधायक है. दो वोट रद्द होने के बाद बदले समीकरण में प्रथम वरीयता के 44 वोट मिलने पर किसी भी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चत थी. आज मतदान के दौरान कांग्रेस की ओर से 44 विधायकों के साथ बेंगलुरू में रखे एक विधायक साणंद के करमसिंह पटेल समेत कम से कम आठ तथा राकांपा की ओर से एक क्रॉस वोटिंग हुई है. राकांपा के दो में से एक विधायक ने भी भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है. जदयू के विधायक ने भी कांग्रेस को वोट देने की बात कही है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत भाजपा के सभी नेताओं ने तीनों सीटे जीतने का विश्वास व्यक्त किया था बाद में उन्होंने कहा कि तीसरे पार्टी उम्मीदवार बेहतर श्री वाघेला ने भी कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने की बात स्वीकार करते हुए ऐसी ही संभावना व्यक्त की थी. बागी श्री कोटडिया के भी भाजपा का समर्थन करने की संभावना जतायी गयी थी.

गोपनीयता के उल्लंघन पर वोट रद्द

कांग्रेस को बड़ी राहत देते हुए चुनाव आयोग ने गुजरात राज्यसभा चुनाव में उसके दो विधायकों के डाले गए वोटों को मतपत्रों की गोपनीयता का उल्लंघन करने के मामले में देर रात खारिज कर दिया. आयोग ने निर्वाचन अधिकारी से कांग्रेस विधायक भोलाभाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल के मतपत्रों को अलग करके मतगणना करने को कहा. आयोग के आदेश के अनुसार मतदान प्रक्रिया का वीडियो फुटेज देखने के बाद पता चला कि दोनों विधायकों ने मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन किया था.

कांग्रेस ने फैसले का स्वागत किया

कांग्रेस ने जहां चुनाव आयोग के फैसले को अपनी जीत मानते हुए इसका स्वागत किया है, वहीं भाजपा ने आयोग के फैसले को दुखद करार देते हुए इस पर सवाल खड़े किये हैं. कांग्रेस को क्रास वोटिंग कर उसकी पर्ची भाजपा एजेंट और अमित शाह को दिखाकर पार्टी के दो विधायकों ने जो मुद्दा दिया, उसको पार्टी अस्तित्व की लड़ाई के रूप में लिया. चुनाव आयोग ने उसकी दोनों वोटों को रद्द करने की मांग मान कर उसे पहली जीत दिलाई.

भाजपा ने फैसला दुखद बताया

गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल ने चुनाव के फैसले को दुखद करार दिया है. उन्होंने चुनाव आयोग से वीडियो को सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने शक्ति सिंह गोहिल पर आरोप लगाया कि उन्होंने बेवजह बवंडर खड़ा किया. उन्होंने कहा आयोग का फैसला उचित नहीं है.

कांग्रेस की बड़ी जीत

चुनाव आयोग के फैसले के बाद कुल मतदान 176 से घटकर 174 का रह गया. और जीत का आंकड़ा 43.5 वोट हो गया. इससे अहमद पटेल की जीत की राह आसान हो गयी. इतना ही नहीं श्री पटेल की जीत न सिर्फ सोनिया गांधी को निजी तौर पर राहत प्रदान की है बल्कि समूची कांग्रेस उत्साहित है. खास तौर पर ऐसे समय में जब भाजपा साम दाम दंड भेद की नीति के चलते कांग्रेस के सामने अस्तित्व का सवाल खड़ा कर रही थी. इससे पहले क्रास वोटिंग का यह बवाल गांधीनगर से नई दिल्ली पहुंच गया और दोनों पार्टियों के प्रतिनिधिमंडलों ने एक के बाद एक तीन बार चुनाव आयोग में दस्तक दी.

विवाद कब शुरू हुआ

विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके दो विधायकों ने क्रास वोटिंग तो की ही साथ ही उन्होंने अपने मतदान की पर्ची भाजपा के एजेंट, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सहित तीनों उम्मीदवारों को दिखाई. जो पार्टी द्वारा विह्प जारी होने के कारण नियम का उल्लंघन है.

क्या है नियम

मतदान की पर्ची सिर्फ पार्टी के एजेंट को ही दिखाई जा सकती है. किसी और को दिखाने पर मत अवैध घोषित होते हैं. इसलिए इन दो विधायकों के मत अवैध घोषित किये गए. क्योंकि इन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस के विह्प का उल्लंघन किया. जो गोपनीयता का भी उल्लंघन है.

समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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