नाटकीय घटनाक्रम के बीच गुजरात राज्यसभा चुनाव को लेकर आयोग पहुंचे भाजपा और कांग्रेस

Last Updated 08 Aug 2017 10:34:12 PM IST

गुजरात राज्यसभा चुनाव की मतगणना में देरी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने आज एक दूसरे पर आरोप लगाये.


बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला (फाइल फोटो)

कांग्रेस ने अपने दो विधायकों के वोट कथित तौर पर नियमों की अवहेलना करने के मामले में निरस्त करने की मांग की वहीं भाजपा ने तत्काल मतगणना की मांग की.

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पहुंचकर अपने दोनों असंतुष्ट विधायकों के वोट निरस्त करने की मांग की जिन्होंने अपने वोट अनधिकृत लोगों को दिखाए थे.

कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव प्रक्रिया का एक वीडियो आयोग को सौंपा और मांग की कि भोलाभाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल के वोट कानून के अनुसार निरस्त किये जाएं क्योंकि उन्होंने मतपत्र की गोपनीयता का उल्लंघन किया है.

नियमों के अनुसार राज्यसभा चुनाव के लिए मतदाताओं को वोट मतपेटी में डालने से पहले अपने मतपत्रों को अपनी अपनी पार्टियों के अधिकृत प्रतिनिधियों को दिखाना होता है.
     
कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज करते हुए भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से तत्काल मतगणना की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल शामिल थे जिन्होंने तर्क दिया कि मतपेटिका में वोट जाने के बाद उसकी वैधता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता.

चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन अधिकारियों का फैसला अंतिम है.

उन्होंने कहा कि अगर ना तो उन्होंने और ना ही चुनाव पर्यवेक्षकों ने वोट डाले जाते समय इस पर आपत्ति जताई तो अब उनकी वैधता पर प्रश्न खड़ा नहीं किया जा सकता. उन्होंने मांग की कि मतगणना तत्काल की जाए और नतीजे घोषित किये जाएं. प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस चुनाव हार जाने के डर से यह कार्रवाई कर रही है.

भाजपा के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के चुनाव आयोग से लौटने के तुरंत बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अगुवाई में एक और प्रतिनिधिमंडल आयोग पहुंचा.



आयोग में मुलाकात के बाद चिदंबरम ने कहा,  अगर भाजपा को चुनाव जीतने का इतना भरोसा है तो उसे कानून का पालन करना चाहिए. और कानून बहुत साफ है. अगर अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई और मतपत्र देखता है तो उसे खारिज किया जाना चाहिए. भाजपा 11 जून, 2016 को इस कानून की लाभार्थी थी. एक साल में कानून कैसे बदल गया. ये दो मतपत्र निरस्त होने चाहिए. 

वह हरियाणा में राज्यसभा चुनाव का जिक्र कर रहे थे जिसमें भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा ने कई विधायकों के वोट अवैध करार दिये जाने के बाद कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आर के आनंद को हराया था.

कांग्रेस की दलील का विरोध करते हुए भाजपा के नेता दोबारा आयोग गये और मतगणना फौरन शुरू कराने की अपनी मांग पर जोर दिया.  प्रसाद ने कहा कि चुनाव हो चुका है और संशय की स्थिति समाप्त होनी चाहिए.

 

 

भाषा


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