शरीर अनेक सुख-सुविधाओं का माध्यम है, ज्ञानेन्द्रियों द्वारा रसास्वादन और कम्रेन्द्रियों द्वारा उपार्जन करने वाला शरीर ही सांसारिक हषरेल्लास प्राप्त करता है। ....
एक बात खयाल में लेना, जब तुम बुद्धपुरु षों के पास होते हो, तो उनकी आंखें, उनका व्यक्तित्व, उनकी भाव भंगिमा, उनके जीवन का प्रसाद, उनका संगीत सब प्रमाण देता है कि वे ठीक हैं, तुम गलत हो। ....
अगले दिन बहुत ही उलट-पुलट से भरे हैं। उनमें ऐसी घटनाएं घटेंगी, ऐसे परिवर्तन होंगे जो हमें विचित्र भयावह एवं कष्टकर भले ही लगें पर नये संसार की अभिनव रचना के लिए आवश्यक हैं। ....
एक व्यक्ति था। उसके पास नौकरी, घर-परिवार, रुपया-पैसा, रिश्तेदार और बच्चे, सभी कुछ था। कहने का सार यह है कि उस व्यक्ति के पास किसी चीज की कोई कमी नहीं थी। ....
स्वास्थ्य के बारे में सबसे सरल बात है कि आप बस शरीर का उपयोग करें। शरीर का पर्याप्त रूप से उपयोग करते हैं, तो इसके पास वो सब कुछ है जिससे यह अपने लिए अच्छे स्वास्थ्य का निर्माण कर सके। ....
समय का अर्थ कई लोगों के लिए कई प्रकार का होता है। बच्चे और वयस्क में जो अंतर है-बच्चा एक भरा पूरा, उत्साही जीवन है तो वयस्क गंभीर जीवन है- वो अंतर समय के बोझ का ही है। ....