Vishwakarma Puja 2023: आज है विश्वकर्मा पूजा, जाने शुभ मुहूर्त,पूजा विधि और मंत्र

Last Updated 17 Sep 2023 08:07:14 AM IST

विश्वकर्मा जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा की पूजा का खास महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म अश्विन कृष्णपक्ष की तिथि को हुआ था।


अनेकता में एकता रखने वाले भारत देश में कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें से एक है विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2023) आज है विश्वकर्मा पूजा, जाने शुभ मुहूर्त,पूजा विधि और मंत्र  भी है। विश्वकर्मा डे (Vishwakarma Puja 2023) पर हम उन सभी चीज़ों की पूजा करते हैं जो आम तौर पर हमारे जीवन में बहुत ज़रुरी हैं। आज के समय में कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें विश्वकर्मा पूजा के बारें में सही ज्ञान नहीं है। तो जानते हैं क्या है विश्वकर्मा पूजा और कैसे करें विधि - विधान से पूजा और किन मन्त्रों का जाप करें।

क्या है विश्वकर्मा पूजा ? (Vishwakarma Puja 2023)

विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Puja 2023) हर साल 17 सितंबर को ही मनाई जाती है। हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा की पूजा का खास महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म अश्विन कृष्णपक्ष की तिथि को हुआ था। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि विश्वकर्मा का जन्म भाद्रपद की अंतिम तिथि को हुआ था। इसी के चलते हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है।  
• भगवान विश्‍वकर्मा के जन्‍मदिन को विश्‍वकर्मा पूजा, विश्‍वकर्मा दिवस या विश्‍वकर्मा जयंती (Vishwakarma Puja 2023) के नाम से जाना जाता है।
•  विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 यानी कि आज मनाई जा रही है। इस दिन लोग अपने औज़ार,मशीनों और औद्योगिक इकाइयों की पूजा करते हैं।
• भगवान विश्वकर्मा को “देवताओं का शिल्पकार” माना गया है। हर साल कन्या संक्रांति के दिन इस पर्व को सेलीब्रेट किया जाता है।
• इस दिन हिंदू धर्म के लोग अपने कार्य स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा अर्चना करते हैं।
• ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने वाले व्यक्ति के घर पर धन - धान्य की कोई कमी नहीं रहती साथ ही व्यापार में भी वृद्धि होती है।

विश्वकर्मा जी ने किस- किस चीज का निर्माण किया?  (Vishwakarma Puja 2023)
• हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा जी को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था।
• ऐसा भी माना जाता है कि विश्वकर्मा जी ने इन्द्रप्रस्थ, द्वापर में द्वारका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, त्रेता युग में लंका आदि का निर्माण किया था।
• जगन्नाथ पुरी में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण, पुष्पक विमान का निर्माण, सभी देवताओं के महलों का निर्माण, विष्णु जी का सुदर्शन चक्र, भगवान शंकर का त्रिशूल आदि का भी निर्माण विश्वकर्मा जी के द्वारा ही किया हुआ माना जाता है इसलिए इन्हें शिल्पकार देव भी माना जाता है |

इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त  (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat 2023)

विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति - दोपहर 01 बजकर 43 मिनट

पूजा की विधि - Vishwakarma puja vidhi (Vishwakarma Puja Vidhi)

• सुबह उठकर सबसे पहले स्‍नान करें।
• भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर उनपर फूल चढाएं।
• एक कमंडल में पानी लेकर उसमें फूल डालें।
• अब भगवान विश्‍वकर्मा का ध्‍यान करें।
• ज़मीन पर 8 पंखुड़ियों वाला कमल बनाएं।
• उस स्‍थान पर सात प्रकार के अनाज रखें।
• अनाज पर तांबे या मिट्टी के बर्तन के पानी का छिड़काव करें।
• चावल पात्र को समर्पित करते हुए वरुण देव का ध्‍यान करें।
• अब सात प्रकार की मिट्टी, सुपारी और दक्षिणा को कलश में डालकर उसे कपड़े से ढक दें।
• भगवान विश्‍वकर्मा की आरती करके आशीर्वाद लें।
• पूजा के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों, वाहन आदि को जल से साफ करें।
• इनपर रोली, अक्षत, फूल और मि‍ठाई चढ़ाएं और पूजा करें।
• अंत में हवन कर सभी लोगों को प्रसाद बांटे।

अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार फल की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करें  (Vishwakarma Puja Mantra)
ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:,
ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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