Vishwakarma Puja Aarti: विश्वकर्मा पूजा पर करें ये आरती, इसके बिना पूजा नहीं होगी पूरी

Last Updated 17 Sep 2023 08:45:03 AM IST

ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा || आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया। शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ||


Vishwakarma ji ki aarti lyrics in hindi - ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा जी का जन्म अश्विन कृष्ण पक्ष की तिथि को हुआ था, वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि विश्वकर्मा जी का जन्म भाद्रपद की अंतिम तिथि को हुआ था। इसी के चलते हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। विश्वकर्मा जी को “देवताओं का शिल्पकार” माना गया है। भक्त भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा - पाठ करने  घर में धन - धान्य की कोई कमी नहीं रहती और व्यापार में भी बहुत वृद्धि होती है। तो चलिए यहां पढ़िए विश्वकर्मा जी की आरती।

विश्वकर्मा भगवान की आरती – - vishwakarma puja aarti in hindi 
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ||
आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।
शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ||
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुख कीना॥
जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी॥
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे॥
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे॥
श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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