युद्ध
अगर बड़ा नेता होना हो, तो युद्ध बहुत जरूरी है..शांति के समय में बड़े नेता पैदा नहीं होते।
आचार्य रजनीश ओशो |
बड़े नेता के पैदा होने के लिए संघर्ष जरूरी है, युद्ध जरूरी है, हिंसा जरूरी है, हत्या जरूरी है। जितनी हत्या होगी, जितनी हिंसा होगी, उतना बड़ा नेता प्रकट होगा। शांति के समय में बड़ा नेता प्रकट नहीं होता। अगर शांति स्थाई चल जाए, तो नेता एकदम फेड आउट हो जाएंगे, विदा हो जाएंगे, उनको कोई पूछेगा ही नहीं। उनकी जरूरत ही तभी है। रास्ते पर, चैराहे पर एक पुलिसवाला खड़ा है। वह पुलिसवाला इसलिए खड़ा है कि कहीं चोर है।
अदालत में एक मजिस्ट्रेट बैठा है, वह इसलिए बैठा है कि कहीं चोर है। अगर चोर विदा हो जाएं, तो चोरों के विदा होते ही चौरस्ते का पुलिसवाला भी विदा हो जाएगा। चोरों के विदा होते ही मजिस्ट्रेट विदा हो जाएगा। इसलिए मजिस्ट्रेट ऊपर से चोरों को सजा दे रहा है, भीतर से भगवान से प्रार्थना करता है कि रोज आते रहना। स्वाभविक है। उसका धंधा तो चोरों पर है। उसकी जिंदगी चोरों पर है। राजनीतिज्ञ ऊपर से कहता है कि शांति चाहिए। शांति के कबूतर उड़ाता है! लेकिन भीतर से युद्ध की कामना करता है। युद्ध न हो, तो राजनीतिक नेता की कोई जगह नहीं है। युद्ध न हो, तो राजनीति की कोई जगह नहीं है।
असल में युद्ध से ही राजनीति पैदा होती है। फिर अगर बड़ा युद्ध न चलता हो तो छोटा युद्ध चलाना पड़ता है। अगर मुल्क के बाहर कोई लड़ाई न हो, तो मुल्क के भीतर लड़ाई चलानी पड़ती है। अगर मुल्क के भीतर भी न हो, तो एक ही पार्टी को दो हिस्सों में तोड़कर लड़ाई चलानी पड़ती है! बड़ा नेता लड़ाई में पैदा होता है। छोटे नेता शांति में जीते हैं। छोटे नेता कभी बड़े नहीं हो सकते हैं, अगर लड़ाई चलनी चाहिए। लड़ाई चलनी ही चाहिए किन्हीं भी तालों पर। हजार-हजार तलों पर लड़ाई चलनी चाहिए। लड़ाई नेता को बड़ा करती है।
जनता को आतुर करती है, जनता की आंखों को उठाती है, नेता को देखने के लिए। इसलिए नेता निरंतर नई लड़ाई की चेष्टा में संलग्न है। और मजा यह है कि रोज मंच पर खड़े होकर कहता है कि शांति चाहिए। मनुष्य इकट्ठे हों, सब एक हों। इधर मंच पर यह कहेगा। मंच के पीछे सारे उपाय करेगा, जिनसे मनुष्य एक न हो पाए। इसकी पीछे कोशिश चलेगी, लेकिन यह हम समझ सकते हैं। जो भी शांति की बातें चलती हैं, उनके पीछे युद्ध का इंतजाम चलता है। इसलिए बड़े आश्चर्य की बात है कि दुनिया के सारे युद्ध शांति के लिए होते हैं! सब युद्ध शांति के लिए होते हैं।
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