सूर्य-चंद्र ऊर्जा
तुमने कभी गौर किया, बाएं हाथ का उपयोग करने वाले लोगों को दबा दिया जाता है!
![]() आचार्य रजनीश ओशो |
अगर कोई बच्चा बाएं हाथ से लिखता है, तो तुरंत पूरा समाज उसके खिलाफ हो जाता है माता-पिता, सगे संबंधी, परिचित, अध्यापक सभी लोग एकदम उस बच्चे के खिलाफ हो जाते हैं.
पूरा समाज उसे दाएं हाथ से लिखने को विवश करता है. दायां हाथ सही है और बायां हाथ गलत है. कारण क्या है? ऐसा क्यों है कि दायां हाथ सही है और बायां हाथ गलत है? बाएं हाथ में ऐसी कौन सी बुराई है? दुनिया में दस प्रतिशत लोग बाएं हाथ से काम करते हैं. दस प्रतिशत कोई छोटा वर्ग नहीं है. दस में से एक व्यक्ति ऐसा होता ही है, जो बाएं हाथ से कार्य करता है.
शायद चेतनरूप से उसे इसका पता भी नहीं होता हो, वह भूल ही गया हो इस बारे में, क्योंकि शुरू से ही समाज, घर परिवार, माता-पिता बाएं हाथ से कार्य करने वालों को दाएं हाथ से कार्य करने के लिए मजबूर कर देते हैं. ऐसा क्यों है? दायां हाथ सूर्यकेंद्र से, भीतर के पुरुष से जुड़ा हुआ है. बाया हाथ चंद्रकेंद्र से भीतर की स्त्री से जुड़ा हुआ है. और पूरा का पूरा समाज पुरु षकेंद्रित है.
हमारा बायां नासापुट चंद्रकेंद्र से जुड़ा हुआ है. और दायां नासापुट सूर्यकेंद्र से जुड़ा हुआ है. तुम इसे आजमा कर भी देख सकते हो. जब कभी बहुत गर्मी लगे तो अपना दायां नासापुट बंद कर लेना और बाएं से श्वास लेना और दस मिनट के भीतर ही कोई अनजानी शीतलता तुम्हें महसूस होगी. तुम इसका प्रयोग करके देख सकते हो, यह बहुत ही आसान है. या फिर तुम ठंड से कांप रहे हो और बहुत सर्दी लग रही है, तो अपना बायां नासापुट बंद कर लेना, और दाएं से श्वास लेना; दस मिनट के भीतर तुम्हें पसीना आने लगेगा.
योग ने यह बात समझ ली और योगी कहते हैं और योगी ऐसा करते भी हैं. प्रात: उठकर वे कभी दाएं नासापुट से श्वास नहीं लेते; क्योंकि अगर दाएं नासापुट से ास ली जाए तो अधिक संभावना इसी बात की है कि दिन में व्यक्ति क्रोधित रहेगा, लड़ेगा, झगड़ेगा, आक्रामक रहेगा शांत और थिर नहीं रह सकेगा. इसलिए योग के अनुशासन में यह भी एक अनुशासन है कि सुबह उठते ही सबसे पहले व्यक्तिको यह देखना होता है कि उसका कौन सा नासापुट क्रियाशील है.
अगर बायां क्रियाशील है तो ठीक है, वही ठीक क्षण होता है बिस्तर से बाहर आने का. अगर बायां नासापुट क्रियाशील नहीं है तो अपना दायां नासापुट बंद करना और बाएं से श्वास लेना. फिर बिस्तर से पांव धरती पर रखना. दिन अच्छा बीतेगा.
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