सार्थक बदलाव के लिए जरूरी हैं कुछ अनुकूल जीवन मूल्य

Last Updated 04 Aug 2019 12:24:36 AM IST

जहां विश्व स्तर पर पर्यावरण रक्षा, अमन-शांति, निरस्त्रीकरण, न्याय व लोकतंत्र की मजबूती के लिए बड़े बदलावों की जरूरत महसूस हो रही है, वहां इसके अनुकूल जीवन मूल्यों को अभी तक समुचित महत्त्व नहीं मिला है।


भारत डोगरा, लेखक

 वास्तविकता यह है कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चाहे जो भी समझौते या प्रशासनिक सुधार हों, अनुकूल जीवन मूल्यों की  निरंतरता व व्यापक प्रसार के बिना टिकाऊ  सफलता प्राप्त नहीं कर सकेंगे। क्या सामान्य लोगों में व्याप्त दुश्मनियों की भावनाओं को दूर किए बिना हम अमन-शांति पर आधारित दुनिया बना सकते हैं? खतरनाक हथियारों की दौड़ को समाप्त कर सकते हैं? जब तक लोग अपनी जीवन-शैली में पर्यावरण की रक्षा के प्रति सचेत नहीं होते हैं तब तक क्या विश्व में पर्यावरण का विनाश रुक पाएगा? जब तक समाज में व्यापक स्तर पर दूसरे का हिस्सा छीन कर स्वयं को लाभान्वित करना स्वीकार्य माना जाता है, तब तक क्या न्यायसंगत विश्व की स्थापना हो सकेगी?

कुछ बुनियादी जीवन मूल्य विश्व को विनाश से बचाने के लिए जरूरी हैं। इन जीवन-मूल्यों में अहिंसा को तो महत्त्वपूर्ण स्थान मिलना ही है। एक अन्य जीवन-मूल्य  है कि हम सभी संबंधों में आधिपत्य की सोच से दूर रहें। एक महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य है कि विभिन्न संबंध आधिपत्य आधारित न होकर सहयोग आधारित हों। किसी व्यक्ति के आधिपत्य के स्थान पर खुले विमर्श से एक दूसरे से सीखने व सहयोग के अवसर निरंतरता से बढ़ेंगे। एक अन्य महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य  है कि धर्म, राष्ट्रीयता, लिंग, रंग, नस्ल, जाति के आधार पर भेदभाव को समाप्त करते हुए दुनिया के सभी लोगों की भलाई के उद्देश्य को दिल से स्वीकार करना। जीवन के सभी रूपों की भलाई के लिए व उनके पनपने के स्थानों की रक्षा (जैसे वन, नदी, पहाड़ आदि) के लिए प्रतिबद्धता होनी चाहिए। इस जीवन मूल्य के साथ पर्यावरण की रक्षा का अधिक व्यापक जीवन-मूल्य भी जुड़ा है। जितना संभव हो उतना साधे के जीवन को अपनाना, उपभोक्तावाद को नकारना महत्त्वपूर्ण है।
अपने से कमजोर लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील रहना महत्त्वपूर्ण जीवन मूल्य है। एक अन्य जीवन-मूल्य है कि न्याय के पक्ष पर कायम रहो। इसके लिए जरूरी साहस विकसित करो। सत्य की खोज, सत्य की स्वीकृति व सम्मान के अधिक व्यापक जीवन-मूल्य भी इस सोच से जुड़े हैं। ईमानदारी के वित्तीय या आर्थिक पक्ष पर प्राय: अधिक चर्चा होती है। इस सीमित अर्थ में भी ईमानदारी बहुत जरूरी है, पर इससे कहीं अधिक व्यापक संदर्भ है कि विभिन्न नजदीकी संबंधों को ईमानदारी से निभाएं।
ये सभी जीवन मूल्य बहुत व्यापक स्तर पर मान्य व जरूरी हैं, पर व्यावहारिक स्तर पर व कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ अपवादों के लिए तो स्थान रहता ही है। यदि कोई व्यक्ति या समूह कुछ बड़ा विनाश करने जा रहे हैं, तो अल्पकालीन तौर पर उनके विरुद्ध हिंसा मान्य है। किसी देश पर बहुत अन्यायपूर्ण हमला हो जाए तो आत्मरक्षा के लिए शस्त्र उठाना मान्य है। यदि अमन-शांति व पर्यावरण रक्षा, समता व न्याय की विश्व व्यवस्था के अनुकूल इन जीवन मूल्यों का व्यापक प्रसार हो तो इससे बेहतर विश्व बनाने व मौजूदा बड़े संकटों के समाधान में बहुत सहायता मिलेगी। ऊपरी स्तर के गवर्नेंस सुधार तभी सफल होंगे यदि उनके अनुकूल जीवन मूल्यों का पर्याप्त प्रसार होगा। उन्हें आत्मसात किया जाएगा।



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