बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती

Last Updated 24 Jul 2023 01:52:15 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दौरान सत्ता के लोभ में राष्ट्रीय हितों को तिलांजलि दी गई।


बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती

बैंकिंग क्षेत्र को बर्बाद कर दिया गया था। प्रधानमंत्री युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपने के लिए आयोजित रोजगार मेले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र पाने वालों में बड़ी संख्या उन युवाओं की है, जिन्हें बैंकिंग क्षेत्र में नियोजित किया जा रहा है। करीब 70 हजार युवाओं को रोजगार मेले में नियुक्ति पत्र सौंपे गए। पीएम ने कहा कि कुछ शक्तिशाली नेताओं खासकर परिवार विशेष के करीबियों को हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया गया जो कभी लौटाया नहीं गया।

नतीजतन, बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंत्तियां (एनपीए) बढ़ीं और बैंक घाटे में चले गए। ‘फोन बैंकिंग’ को यूपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि इसने बैंकिंग क्षेत्र की कमर ही तोड़ दी थी। फोन बैंकिंग से सहूलियत को आज सराहा जाता है, लेकिन पीएम मोदी के मुताबिक, नौ साल पहले यह सुविधा आम लोगों को हासिल नहीं थी। बेशक, बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती अर्थव्यवस्था की मजबूती को परिलक्षित करने वाला महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन कुछ साल पहले जिस तरह से बैंकों के बड़े कर्ज लेकर प्रभावशाली लोग देश से बाहर निकल लिए उससे इस क्षेत्र में विसनीयता का संकट पैदा हो गया था। बैंकों की एनपीए खासी बढ़ गई थीं।

ऐसे में सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में खासे सुधारात्मक कदम उठाए। बैंकों का परस्पर विलयन, दिवालिया संहिता कानून और बैंक प्रबंधन को मजबूत करने जैसे  तमाम उपायों से बैंकिंग क्षेत्र में नया विश्वास पैदा हुआ और आज स्थिति यह है कि करीब-करीब सभी बैंकों का लार्भाजन बढ़ रहा है। निश्चित ही मजबूत बैंकिंग प्रणाली से वैश्विक स्तर पर उभरतीं संभावनाओं का दोहन करने में मदद मिलेगी।

भारत आज निवेश के लिहाज से आकषर्क गंतव्य के तौर पर उभरा है, और इस दौरान उभरने वाली संभावनाओं के भरपूर दोहन के लिए बैंकिंग तंत्र की मजबूती से इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवे पायदान पर पहुंच चुकी है। अर्थव्यवस्था की मजबूती का फायदा गरीबी उन्मूलन में मिलता है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गत पांच साल में 1.3 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर लाए जा सके हैं। निकट भविष्य में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगी। बैंकिंग तंत्र की मजबूती से इसमें मदद मिलेगी।



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