पीएम मोदी शनिवार को काशी दौरे पर आए। इस दौरान उन्होंने 2200 करोड़ की 52 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
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विश्व की अस्थिर अर्थव्यवस्था के प्रति चिंता जताते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमारे किसान, हमारे लघु उदयोग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिये सबसे ऊपर है।
उन्होंने आगे कहा, ”इसलिए अब हम उन वस्तुओं को खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी न किसी भारतीय का पसीना बहा है।”
प्रधानमंत्री ने करीब 53 मिनट के अपने भाषण के अंतिम छह मिनट में भारत की अर्थव्यवस्था और स्वदेशी का उल्लेख किया।
मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”आज जब हम आर्थिक प्रगति की बात कर रहे है, तो मैं आपका ध्यान वैश्विक हालात पर ले जाना चाहता हूं। आज दुनिया की अर्थव्यवस्था कई आशंकाओं से गुजर रही हैं। अस्थिरता का माहौल है। ऐसे में दुनिया के देश अपने-अपने हितों पर ध्यान दे रहे है।”
मोदी ने कहा, ”भारत भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसलिये भारत को भी अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग रहना ही है। हमारे किसान, हमारे लघु उदयोग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं। सरकार इस दिशा में हर प्रयास कर रही है। लेकिन देश के नागरिक के रूप में भी हमारे कुछ दायित्व है। यह बात सिर्फ मोदी नहीं, हिंदुस्तान के हर व्यक्ति को दिन में हर पल बोलते रहना चाहियें।”
उन्होंने कहा, ”कोई भी राजनीतिक दल हो, कोईै भी राजनेता हो, उसे अपने संकोच को छोड़कर के देशहित में देशवासियों के अंदर स्वदेशी के संकल्प का भाव जगाना होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हम उन वस्तुओं को खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी न किसी भारतीय का पसीना बहा है। वह वस्तु भारत के लोगों ने बनाई है, भारत के लोगों के कौशल से बनी है। भारत के लोगों के पसीने से बनी है। हमें ‘वोकल फार लोकल’ मंत्र को अपनाना होगा।”
मोदी ने कहा, ”हमारे घर में जो भी नया सामान आयेगा, वह स्वदेशी ही होगा। यह जिम्मेदारी हर देशवासी को लेनी होगी।” उन्होंने व्यापारियों से स्वदेशी माल ही बेचने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ”स्वदेशी माल बेचने का संकल्प भी देश की सच्ची सेवा है। त्योहारों के महीने आने वाले हैं। उसके बाद शादियों का सीजन है। इस दौरान स्वदेशी वस्तुओं को ही खरीदना चाहिए।”
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