और न फैले तनाव
कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष (23) की रविवार रात चाकू मारकर हत्या के विरोध में शहर में बवाल हो गया।
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शेगहट्टी निवासी हर्ष की शवयात्रा के दौरान पथराव के बाद हिंसा भड़क उठी। दुकानों और वाहनों को तोड़ा-फोड़ा गया। उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। स्थिति को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को आंसूगैस छोड़नी पड़ी। शहर में धारा 144 लगा दी गई है। स्कूल-कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। हत्या के विरोध में बुधवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। हिंसा में एक फोटो जर्नलिस्ट और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। पेशे से टेलर हर्ष बजरंग दल के प्रखंड समन्वयक थे। सोशल मीडिया पर हिजाब के खिलाफ उनकी पोस्ट, जिसमें उनके खिलाफ इस मामले में डोडापेट थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, पर उन्हें धमकियां मिल रही थीं।
भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कहा है कि हिजाब का विरोध करने पर हर्ष की हत्या की गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात नौ बजे के करीब भारती कॉलोनी में रवि वर्मा मार्ग पर कार से आए बदमाशों ने दौड़ा कर धारदार हथियार से हर्ष को गोद डाला। अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया। कुछ दिन पहले कांग्रेस के एक नेता ने कहा था कि हिजाब का विरोध करने वालों को टुकड़ों में काट दिया जाएगा। उसके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। हिजाब विवाद को लेकर शिवमोगा में कुछ कॉलेजों में पिछले दिनों काफी बवाल हुआ था। हर्ष की हत्या के बाद कह सकते हैं कि यह विवाद अभी थमा नहीं है, बल्कि लगता है कि अप्रिय घटनाक्रम का कारण बन जाने वाला है।
इस बीच, कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कहा है कि हिजाब जरूरी परंपरा नहीं है। गैर-जरूरी धार्मिक पहनावे को स्कूल-कॉलेजों के बाहर रखा जाना चाहिए। संविधान भी सिर्फ जरूरी धार्मिक परंपरा को संरक्षण देता है। लेकिन हिजाब को लेकर वैमनस्य और विभाजनकारी हालात की अनदेखी भारी पड़ सकती है। कुछ लोग सीएए, हिजाब, खुले में नमाज जैसी बातों का लेकर समाज विशेष में ‘जहर’ भर रहे हैं, उन्हें उकसा रहे हैं। कुछ तत्व इन मुद्दों का विरोध करके लामबंदी करना चाहते हैं। विभेद पैदा करने वालों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। मामले की गहनता से जांच कराकर दोषियों को सींखचों के पीछे पहुंचाया जाना चाहिए।
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