अब जमकर प्रचार
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को प्रचार के लिए पूरी क्षमता के साथ सभाएं, रैलियां और रोडशो करने की इजाजत दे दी है।
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गौरतलब है कि आयोग ने इससे पहले 15 जनवरी, 22 जनवरी, 31 जनवरी और छह फरवरी को प्रत्यक्ष चुनाव प्रचार सभाओं के लिए कुछ नियमों के साथ एक सीमा तक छूट दी थी। आयोग ने 12 फरवरी को थोड़ी और छूट देते हुए चिह्नित सभा स्थलों पर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सभाओं और रैलियों की अनुमति दी थी। अब जो छूट दी गई है, उसके पीछे कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार होना बताया गया है।
हालांकि कोरोना महामारी की स्थिति अभी भी ज्यादा सुधरी नहीं कही जा सकती। मंगलवार को देश में कोरोना संक्रमण के 13,405 नये मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,28,51,929 हो गई है। अलबत्ता, उपचाराधीन मरीजों की संख्या जरूर घटी है। कोरोना अपडेट पर नजर डालें तो संतोष की बात है कि 49 दिन के बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या देश में घटकर दो लाख से कम (1,81,075) रह गई है। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि मंगलवार के रोज महामारी से 235 मरीजों की मौत हुई।
बहरहाल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनाव आयोग को कोरोना मामलों की घटती संख्या और कोविड की स्थिति तेजी से सामान्य होने की जानकारी दी। इस पर आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समीक्षा बैठक की और तदोपरांत उत्तर प्रदेश के बाकी बचे चरणों और मणिपुर में दो चरणों में होने वाले चुनाव के लिए प्रचार पूरी क्षमता से करने की अनुमति प्रदान कर दी। लेकिन अभी भी यह अनुमति सशर्त है।
चुनाव में शिरकत कर रही राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों को कोई सार्वजनिक सभा या रैली करने से पूर्व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी नियमों का अनुपालन करना होगा और तद्नुरूप जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। यह छूट चुनाव प्रक्रिया के आखिरी चरणों में मिल रही है, लेकिन इससे साफ है कि आयोग चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा सहज और पारदर्शी बनाए रखना चाहता है। चाहता है कि मतदाताओं और किन्हीं अन्य को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते समय स्वास्थ्य संबंधी किसी भी अंदेशे या जोखिम से दो चार होने की नौबत का सामना न करना पड़े।
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