एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करना लक्ष्य था, हमने इसे किया हासिल
मुख्य कोच जोकिम एलेक्जेंडरसन ने कहा कि भारतीय सीनियर फुटबॉल टीम का हाल ही में एएफसी महिला एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करने से राष्ट्रीय अंडर-20 टीम को इस आयु वर्ग के महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए अतिरिक्त प्रेरणा मिली।
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भारत ने रविवार को यंगून में अपने अंतिम ग्रुप डी क्वालीफाइंग मुकाबले में मेजबान म्यांमार को 1-0 से हराकर दो दशक में पहली बार एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप फुटबॉल के लिए क्वालीफाई किया।
पिछले साल दिसम्बर से टीम को ट्रेनिंग दे रहे एलेक्जेंडरसन ने कहा, ‘यह लड़कियों के लिए बहुत खास है। वे कई महीनों से तैयारी कर रही थीं और सीनियर महिला टीम ने इतने शानदार तरीके से क्वालीफाई किया जिसे देखकर उन्हें अतिरिक्त प्रेरणा मिली।’ उन्होंने कहा, ‘उनका जज्बा शानदार था। जब हम म्यांमार पहुंचे थे तब एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करना हमारा एकमात्र लक्ष्य था और अब हमने इसे हासिल कर लिया है।’
पूजा ने थुवुन्ना स्टेडियम में 27वें मिनट में निर्णायक गोल दागा जिससे भारत सात अंक के साथ ग्रुप में शीर्ष पर रहा और थाईलैंड में होने वाले 2026 के मुख्य टूर्नामेंट में जगह बनाई। एलेक्जेंडरसन ने कहा, ‘सच कहूं तो दूसरा हाफ हमारे खेल के स्तर के लिहाज से सबसे अच्छा नहीं था लेकिन तीसरी बार विरोधी टीम को गोल करने से रोकना और एक टीम के तौर पर इतनी मेहनत करना, इन खिलाड़ियों के शानदार मनोबल को दर्शाता है।’
मैदान पर जश्न के बाद स्वीडन के इस कोच ने खिलाड़ियों और स्टाफ को भावुक भाषण दिया और कहा कि वे मुख्य टूर्नामेंट में जगह बनाने के हकदार हैं। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत भावुक पल है क्योंकि मैंने देखा कि आपने वहां कितनी मेहनत की। लेकिन चुनौतियों के बावजूद आपने खेल में जो मेहनत की वह जबरदस्त थी। हमने बहुत संघर्ष किया, अपना सब कुछ झोंक दिया। हमने दिखाया कि हम एशियाई कप में जगह बनाने के हकदार हैं और इसीलिए हम यहां हैं।’
भारतीय टीम का सोमवार सुबह नई दिल्ली पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह अतीत से उबरने के बारे में भी था। 2023 में अंडर-20 टीम क्वालीफायर के पहले दौर में वियतनाम से गोल अंतर के आधार पर बेहद कम अंतर से पिछड़ गई थी। विंगर नेहा उन कुछ खिलाड़ियों में से एक थीं जो दो साल पहले वियतनाम से निराश होकर लौटी थीं और इस बार म्यांमार में टीम को सफलता हासिल लगी।
पूजा के गोल में मदद करने वाली नेहा ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि मैंने आखिरकार पहली बार ऐसा कर दिखाया। पिछली बार वियतनाम में हम क्वालीफायर में सिर्फ एक गोल से चूक गए थे। लेकिन इस बार मुझे गर्व है। यह हमारा अब तक का सबसे अच्छा मैच था। मैं अपने पिता का आभार व्यक्त करना चाहती हूं। मैच से पहले उन्होंने मुझे कहा था, ‘बेटा, आज टीम इंडिया के लिए कुछ करना।’ इसलिए मुझे बहुत गर्व हो रहा है।’
कप्तान शुभांगींिसह ने पहले मैच में इंडोनेशिया के साथ गोलरहित ड्रा के बाद निराशा व्यक्त की थी लेकिन रविवार के परिणाम के बाद वह बेहद खुश थीं। शुभांगी ने कहा, ‘सच कहूं तो मैं बहुत खुश हूं। जिस तरह से हमने एक टीम के रूप में काम किया, हमने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, विशेषकर दूसरे हाफ में। दर्शकों ने हम पर दबाव बनाने की कोशिश की और यह मुश्किल होता गया लेकिन हमारी मानसिकता मजबूत रही।’
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