Dharali Disaster: मलबे में जिंदगी की तलाश...आपदाग्रस्त धराली में लापता लोगों की GPR की मदद से खोज शुरू
धराली में आज भी मंगलवार सुबह से ही रेस्क्यू टीमें खोज एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। हर्षिल, धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश लगातार जारी है।
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ष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के विशेषज्ञों ने उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त धराली गांव में मलबे में दबे लोगों की तलाश मंगलवार को ‘ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर)
अधिकारियों ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम उन जगहों की पहचान करेगी और ध्यान देगी जहां मलबे के नीचे मानव उपस्थिति हो सकती है।
‘जीपीआर’ एक भूभौतिकीय विधि है जो सतह के नीचे वस्तुओं और संरचनाओं का पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। कीचड़ और पानी की उपस्थिति के बीच भी संस्थान के ये रडार मानव उपस्थिति का पता लगा सकते हैं।
संस्थान ने इस साल फरवरी में तेलंगाना में एसएलबीसी सुरंग हादसे में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए ‘जीपीआर’ का इस्तेमाल किया था।
संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम सोमवार शाम धराली पहुंची।
हालांकि, पांच अगस्त को खीर गंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ से तबाह हुए धराली गांव में जमा मलबे में लापता लोगों के जीवित होने की संभावना समय बीतने के साथ और कम होती जा रही है।
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने सोमवार को आपदा में 43 लोगों के लापता होने की पुष्टि की जिसमें से धराली गांव के 32 वर्षीय आकाश पंवार का शव आपदा के अगले दिन बरामद किया गया था।
उन्होंने बताया कि शेष लापता 42 लोगों में सेना के नौ जवानों के अलावा धराली गांव के आठ, आसपास के क्षेत्रों के पांच, टिहरी जिले का एक, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति शामिल हैं।
पाण्डेय ने बताया कि इनके अतिरिक्त नेपाल के 29 मजदूरों के लापता होने की भी सूचना मिली, हालांकि मोबाइल फोन नेटवर्क बहाल होने के बाद इनमें से पांच लोगों के साथ संपर्क हो चुका है।
उन्होंने बताया कि शेष 24 मजदूरों के संबंध में उनके ठेकेदारों से अधिक विवरण नहीं मिल पाया और संबंधित ठेकेदारों से मजदूरों के बारे में जानकारी जुटाने को कहा गया है।
पाण्डेय ने बताया कि माना जा रहा है कि इन पांच मजदूरों की तरह शेष अन्य मजदूर भी सुरक्षित हो सकते हैं। उन्होंने इस संबंध में याद दिलाया कि केदारनाथ आपदा के दौरान भी लापता बताए गए कई लोग प्रभावित क्षेत्र से वापस अपने घर पहुंच गए थे।
उधर, धराली समेत उत्तरकाशी के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश होने से आ रही अड़चनों के बीच तलाश, बचाव अभियान और आपदाग्रस्त क्षेत्र तक सड़क संपर्क बहाल करने का कार्य जारी है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
देहरादून मौसम केंद्र ने मंगलवार के लिए देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और उधमसिंह नगर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना व्यक्त करते हुए ‘आरेंज अलर्ट’ तथा शेष जिलों में मध्यम से भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि देहरादून और चंपावत जिले में मंगलवार को अवकाश घोषित कर दिया गया।
मौसम विभाग के अनुसार 14 अगस्त तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की स्थिति बनी रहेगी जिसे देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों से सावधानी बरते जाने के आदेश जारी किए हैं।
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भी बारिश की चेतावनी को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर 14 अगस्त तक केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी है ।
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