FIFA world cup Final : फ्रांस से खिताब छीनने उतरेगा अर्जेंटीना

Last Updated 18 Dec 2022 07:43:03 AM IST

अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोनल मेसी के लिए अब नहीं तो कभी नहीं। रविवार को यहां होने वाले फीफा विश्व कप फाइनल में जब अर्जेंटीना की टीम फ्रांस के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो यह भी तय हो जायेगा कि मेसी आखिरकार खेल के महानतम खिलाड़ियों की फेहरिस्त में पेले और डिएगो माराडोना की जमात में शामिल हो पायेंगे या नहीं।


अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोनल मेसी एवं फ्रांस के स्टार फुटबॉलर किलियान एमबापे

कईयों के लिए मेसी का करियर इससे भी परिभाषित होगा कि 35 साल की उम्र में आखिरकार वह अपनी टीम को फुटबॉल के इस महासमर की ट्रॉफी दिला पायेंगे या नहीं जो उनके करियर में चार चांद लगा देगी।

पर उनकी रास्ते में कोई कमजोर नहीं बल्कि गत विजेता फ्रांस की टीम और उसका स्टार फुटबॉलर किलियान एमबापे खड़ा है। एमबापे फुटबॉल के महान खिलाड़ियों के तौर पर मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर बढत बनाने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं।  एमबापे 80,000 दर्शकों की क्षमता वाले लुसैल स्टेडियम में होने वाले मैच में इतिहास रचने की ओर बढ रहे हैं। फ्रांस का यह 23 साल का फॉर्वड अपने पहले ही दो विश्व कप में चैंपियन बनकर पेले का अनुकरण करने करना चाहता है और तीसरे खिताब की संभावना भी बनाना चाहता है और यह उपलब्धि केवल ब्राजील के इस महान खिलाड़ी के नाम ही है जिन्हें 2022 टूर्नामेंट के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

एमबापे जब 19 वर्ष थे तो उन्होंने फ्रांस को 2018 में दूसरा विश्व कप खिताब दिलाया था और 1958 में 17 वर्षीय पेले के बाद फाइनल में गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे। पेले ब्राजील की 1962 विश्व कप जीत में चोट के कारण नॉकआउट चरण में नहीं खेले थे लेकिन एमबापे इस टूर्नामेंट में शुरू से ही फ्रांस के लिए अहम खिलाड़ी बने रहे।

बल्कि वह पांच गोल करके मेस्सी के साथ सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी की बराबरी पर हैं। ‘गोल्डन बूट’ का पुरस्कार कौन जीतता है तो यह फाइनल ही तय करेगा।

वहीं दूसरी ओर फ्रांस की टीम खड़ी है जो ब्राजील (1962 में) के बाद लगातार विश्व कप ट्रॉफी जीतने वाली पहली टीम बनने की कोशिश में जुटी है। माइकल प्लातिनी, जिनेदिन जिदान, थिएरी ऑनरी और अब एमबापे जैसे खिलाड़ी देने वाली टीम पिछले सात विश्व कप में चौथी बार फाइनल में पहुंची है जो किसी अन्य टीम से कहीं ज्यादा है।

कोच डिडिएर डेसचैम्पस 1998 में बतौर खिलाड़ी विश्व कप विजेता रहे थे और अब बतौर कोच टीम को लगातार दूसरी बार खिताब दिलाने की मुहिम में जुटे हैं। विटोरियो पोज्जो एकमात्र अन्य कोच थे जिन्होंने लगातार दो बार चैम्पियन बनी इटली को 1934 और 1938 में खिताब दिलाये थे। फ्रांस की तरह अर्जेंटीना भी (1978 और 1986 के बाद) तीसरा विश्व कप खिताब जीतने की कोशिश में जुटी है ताकि वह सर्वकालिक सूची में चौथे स्थान पर पहुंच जाये। अगर ऐसा होगा तो माराडोना के मेक्सिको में 1986 प्रदर्शन के बाद टीम का 36 साल का इंतजार खत्म हो जायेगा। उस जीत ने माराडोना को अर्जेंटीना में हमेशा के लिए ‘हीरो’ और फुटबॉल की दुनिया का ‘आइकॉन’ बना दिया था।

एपी
दोहा


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